कथा रंग द्वारा आयोजित "कथा संवाद" में सुनाई गई कहानियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुप्रसिद्ध लेखक अब्दुल बिस्मिल्लाह ने कहा कि यह आयोजन भविष्य के रचनाकारों के लिए जमीन तैयार कर रहा है। एक मशीनी शहर में कथा-कहानी का पूरा खेत तैयार हो गया है। जो भविष्य के प्रति हमें आश्वस्त करता है। लाज़िम है कहानी की एक लहराती फसल हम भी देखेंगे।
गाजियाबाद में साहित्य की एक स्वस्थ और समृद्ध परंपरा रही है और इसे आज के दौर में जीवंत रखने का अद्भुत काम कर रहा है मीडिया 360 लिट्ररी फाउंडेशन। कोरोना काल के दौरान करीब एक साल तक बंद पड़ी गतिविधियों के बाद जब इस संस्था ने 7 फरवरी को गाजियाबाद में कथा संवाद को फिर से शुरु किया तो मानो हर किसी के भीतर का साहित्यकार और साहित्य के प्रति उसकी जायज चिंता फिर से जाग उठी। बड़ी संख्या में लोग होट
सोशल मीडिया के इस दौर में तमाम नए रचनाकारों की बेहतर अभिव्यक्ति तो ज़रूर नज़र आती है लेकिन वो अपने अलावा दूसरों को कितना पढ़ रहे हैं और सचमुच उनमें पढ़ने के प्रति दिलचस्पी है या नहीं, यह देखना बहुत ज़रूरी है। वरिष्ठ लेखक और उपन्यासकार विभूति नारायण राय ने गाजियाबाद के रचनाकारों के बीच अपनी यह चिंता जाहिर की और कहा कि तकनीकी तौर पर साहित्य की दुनिया भले ही समृद्ध हुई है लेकिन नए लेख