चुनाव निपट गए। कुछ जीत गए और कई हार गए। कई जीतने के लिए चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए। कुछ हारने के लिए मैदान में उतरे थे, पर विजयी हो गए। कई अपनी हार पर अचंभित हैं, कुछ अपनी जीत से भौचक्के। कुछ दो महीने बाद भी मिठाई बांट रहे हैं, कुछ अभी तक घुटनों में मुंह छिपाए बैठे हैं। जनता ने जिसे चाहा उसे धकेलकर संसद के भीतर भेज दिया। बाकी को बाहर ही रोक लिया, कहा कि तुम इस बार अंदर जाने के लायक नहीं हो। फ