हर साल की तरह भोपाल के लिए एक सितंबर का दिन यादगार रहा । दुष्यंत कुमार संग्रहालय पांडुलिपि संस्थान ने अपने सालाना जलसे में चुनिंदा रचनाकारों का सम्मान किया और ये सूरत बदलनी चाहिए श्रृंखला के तहत जाने माने पत्रकार राजेश बादल को व्याख्यान के लिए बुलाया। उनकी राय थी कि आज मीडिया पिछले चालीस साल में पहली बार इतने गंभीर दौर से गुज़र रहा है। उस पर चौतरफ़ा दबाव है । सामाजिक,आर्थिक, व्यवस