कोरोना संकट में भी चारों तरफ हिंदू मुस्लिम चल रहा है। इस मुश्किल समय में भी नफरत की खेती करने के बजाय क्यों न मुस्लिम अंतर्मन को समझा जाए, इसीलिए शानी को पढ़ने बैठा हूं। जिस गांव में पैदा हुआ और पला बढ़ा, वहां केवल एक मुस्लिम परिवार था, जो बाद में कहीं दूसरी जगह चला गया। वकील मियां जब तक गांव में रहे, मुहर्रम पर तजिया भी गांव के लोगों के परिवार के सहयोग से ही निकलता था। लिहाजा मुसलमानों