हिंदी साहित्य में साल भर की घटनाओं और किताबों का लेखा जोखा कम ही होता है पर जो भी होता है ,उसमें पुरुष लेखकों को अधिक जगह मिलती है और स्त्री रचनाकारों पर ध्यान कम दिया जाता है, इसलिए 'स्त्री दर्पण' ने स्त्री लेखन की वार्षिकी निकालना शुरू किया है ताकि स्त्री रचनाधर्मिता पर लोगों की निगाह जाये। अनामिका चक्रवर्ती का यह आलेख 2024 में महिला रचनाकारों के लेखन को काफी हद तक समेटने की एक कोशिश