हिंदी के जाने माने लेखक, कवि और संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने लेखकों खासकर महिला रचनाकारों से अपने लेखन में अपने समय को दर्ज करते हुए राजनीतिक दृष्टि अपनाने की अपील की है। वाजपेयी ने 21 जनवरी को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में प्रेमचन्द की पत्नी शिवरानी देवी के तीन कहांनी संग्रहों का लोकार्पण करते हुए यह बात कही। शिवरानी देवी के दो अनुपलब्ध कहांनी संग्रह "नारी हृदय "और" "कौमु�
हिंदी साहित्य में साल भर की घटनाओं और किताबों का लेखा जोखा कम ही होता है पर जो भी होता है ,उसमें पुरुष लेखकों को अधिक जगह मिलती है और स्त्री रचनाकारों पर ध्यान कम दिया जाता है, इसलिए 'स्त्री दर्पण' ने स्त्री लेखन की वार्षिकी निकालना शुरू किया है ताकि स्त्री रचनाधर्मिता पर लोगों की निगाह जाये। अनामिका चक्रवर्ती का यह आलेख 2024 में महिला रचनाकारों के लेखन को काफी हद तक समेटने की एक कोशिश �
आज से 115 साल पहले स्त्री दर्पण पत्रिका निकालकर स्त्री आंदोलन शुरू करने वाली संपादक रामेश्वरी नेहरू ने केवल सार्थक पत्रकारिता ही नहीं की हरिजनों और विभाजन के समय दंगा पीड़ितों की भी सेवा की। उस ज़माने में हिंदुस्तानी मौसिकी को बुलंदियों पर ले जानेवाली तवायफ़ गायिकाओं ने भी न केवल आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया बल्कि राष्ट्रनिर्माण में भी अहम भूमिका अदा की।