पद्म विभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध चित्रकार सैयद हैदर रज़ा का अपने जीवन पर गांधी जी का इतना प्रभाव पड़ा था कि विभाजन के बाद वह पाकिस्तान न जाकर भारत में ही रह गए थे जबकि उनकी पहली पत्नी पाकिस्तान में जाकर बस गयी थी। हिंदी के प्रसिद्ध कवि एवं संस्कृति कर्मी अशोक वाजपेयी ने यहां रज़ा पर अपनी पुस्तक सेलिब्रेशन एंड प्रेयर के विमोचन समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक बार मैंने
हिंदी के जाने माने आलोचक मदन सोनी को साहित्य अकादेमी का अनुवाद पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में 21 अनुवादकों को साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार 2024 के लिए अनुमोदित किया गया।
द्मविभूषण से सम्मानित महान चित्रकार सैयद हैदर रज़ा इतने नैतिक व्यक्ति थे कि वे अपने उस मकान में किरायेदार की तरह रहते थे जिसे उन्होंने अपने नाम पर बने फाउंडेशन को दे दिया था। यह जानकारी प्रख्यात संस्कृतिकर्मी एवं कवि अशोक वाजपेयी ने रज़ा साहब के अंतिम वर्षों में बनाये गए चित्रों की प्रदर्शनी “अंतिमा “के उद्घटान समारोह में दी। प्रदशनी का उद्घटान रज़ा साहब के पुराने मित्र और जाने �
किसी बड़े कलाकार के अवदान के मूल्यांकन के लिए उसके संपूर्ण कलाकर्म को ध्यान में रखना जरूरी होता है। लेकिन सिर्फ इतने से ही बात नही बनती। ये भी देखना चाहिए कि उसका अपने सहकर्मी कलाकारों से कैसा संबंध रहा। कला एकांत साधना है पर साथ ही सामूहिक कर्म भी है। जब कोई कलाकार- लेखक और संगीतकार भी- किसी दौर में सक्रिय होता हैं तो उसी दौर में उसके कुछ सहयोगी भी सक्रिय रहते हैं जिनसे उसका संवाद भ�