'श्याम नवगीत और ग़ज़ल का शिल्पी था, सिद्धहस्त सम्पादक, मधुर रचनाओं का रचयिता और संवेदनशील व्यक्ति, उसके रोम-रोम से आत्मीयता छलकती थी। जब-जब मेरी और श्याम की मुलाकात होती वो पल मेरे लिए बहुत सुखद होते उसके पीछे बहुत से कारण हैं।...'
जाने माने वयोवृद्ध कवि कृष्ण मित्र 88 साल के हो चुके हैं... उनकी यादों में तमाम साहित्यकार और कवियों के ढेर सारे अनुभव हैं। कृष्ण मित्र जी ने प्रख्यात गीतकार श्याम निर्मम को बहुत करीब से देखा और महसूस किया.. उनकी रचनाओं से लेकर उनके व्यक्तित्व के बारे में उनकी अपनी राय है। आदरणीय श्याम निर्मम जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए 7 रंग के पाठकों के लिए कृष्ण मित्र जी का ये आलेख बहुत माय