325 स्टॉल्स, करीब एक हजार कलाकार। कला, नृत्य, संगीत और रंगकर्म का बेहद खूबसूरत संगम...इन बेहतरीन यादों के साथ पहला अंतर्राष्ट्रीय कला मेला खत्म हो गया। इस मेले में यूरोप, पैन एशिया और अफ्रीका से आए कलाकारों ने अपने देश की कला और संस्कृति से जुड़ी बेजोड़ प्रस्तुतियां दीं। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में ललित कला अकादमी की ओर से आयोजित 15 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कला मेले में एक ला
लघु चित्रकलाएं उन कलाओं में से एक है जिनका सीधा सम्बन्ध हमारी लोक कला और संस्कृति से है। लघुचित्र कलाएँ भारत की धरोहर रही हैं चाहे वो राजस्थानी हो, कांगड़ा हो या पहाड़ी। लघु चित्रकला भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो सदियों से हमारी सांस्कृतिक विरासत को अपने में संजोये हुए है।
ललित कला अकादमी ने ‘सन्डे आर्ट हाट’ नाम से एक पहल की है जिसमें कलाकार किसी भी मध्यस्थ और कमीशन से मुक्त स्वयं आर्ट बायर्स से सीधा संवाद स्थापित कर पाएंगे. सन्डे आर्ट हाट का उद्घाटन अकादमी के प्रशासक श्री सि एस कृष्ण सेट्टी ने किया। उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने कहा कि “यह युवा और उन उभरते हुए कलाकारों के लिए एक अनोखा अवसर है जिनके पास किसी गैलरी का स्थायी सपोर्ट नहीं है या फिर प्रदर्श