जब वो पढ़ते थे तो बहुत सारे दर्द भी छलकते थे और ज़िंदगी की हकीक़त भी बयां होती थी.. लेकिन अचानक कोरोना ने उन्हें अपने चपेट में लिया और महज एक दिन में ही इंदौरी साहब ज़िंदगी की जंग हार गए। इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में उन्हें सोमवार को ही भर्ती कराया गया था, लेकिन मंगलवार को ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।