भारतीय रंगमंच के पुरोधा कहे जाने वाले इब्राहिम अल्काज़ी ने रंगमंच की दुनिया को क्या क्या दिया, उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक के तौर पर क्या क्या किया, एनएसडी जैसे बड़े फलक को संभालते हुए कैसे वो आधुनिक भारतीय रंगमंच के सम्राट बन गए और क्यों उन्हें रंगमंच के 'तुग़लक' जैसी उपाधियां मिलीं... ऐसे तमाम आयामों पर जाने माने रंगकर्मी-पत्रकार और आगरा में एक बेहद ज़मीन से जुड़ी सां
प्रेमचंद का गाँव यानि वाराणसी ज़िले (उप्र०) का लमही गाँव! 8 अक्टूबर की सांझ हम प्रेमचंद के गाँव में थे। हम यानि रंगलीला 'कथावाचन’ की रंगमंडली। यह मुंशी प्रेमचंद की 81वीं पुण्यतिथि का दिन था। मई माह में जिस दिन 'कथावाचन' के तहत मैंने प्रेमचंद की कहानियों की प्रस्तुतियों का निर्णय लिया था तब कल्पना भी नहीं की थी कि किसी दिन इन प्रस्तुतियों को लेकर 'कथा सम्राट' की उस धरती तक भी जाना होगा जहा