गाजियाबाद में साहित्य सृजन को लगातार एक गंभीर और सार्थक मंच देने की परंपरा शुरु करने वाली संस्था मीडिया 360 लिटरेरी फाउंडेशन का कथा संवाद निरंतर अपने मिशन में लगा है। पिछले पांच सालों से लगातार हर महीने कथा संवाद के जरिये तमाम नए रचनाकारों को मंच देने और कथाकारों की एक नई पीढ़ी को समृद्ध करने में लगी इस संस्था ने इस साल का आखिरी कथा संवाद 25 दिसंबर को गाजियाबाद में आयोजित किया। कथा सं
जाने माने रचनाकार सुरेश उनियाल का मानना है कि "कथा संवाद" में हो रहा विमर्श इस आयोजन को साहित्य संसद का स्वरूप प्रदान कर रहा है। कथा संवाद के जरिए कहानी की वाचिक परंपरा समृद्ध हो रही है। 20 नवंबर को कथा सवाद की ताजा कड़ी की अध्यक्षता करते हुए सुरेश उनियाल ने कहा कि यह आम मान्यता है कि प्रकाशित हो कर ही लेखक और लेखन लोकप्रिय होता है। जबकि रामचरित मानस को वाचिक परंपरा ने ही लोक में स्थापि
वरिष्ठ पत्रकार सुभाष अखिल के उपन्यास 'दरमियाना' के विमोचन के अवसर पर कथाकार एवं कार्यक्रम अध्यक्ष बलराम ने कहा कि मुकम्मल यहां कोई नहीं,'दरमियाना' ज़िंदगी के अधूरेपन की मुकम्मल दास्तान है। किन्नर समुदाय पर केंद्रित उपन्यास की बाबत उन्होंने कहा कि यह उपन्यास एक अदृश्य समाज की सार्थक पड़ताल करता है। वर्जनाओं में बंधा समाज किन्नरों को सम्मान नहीं देता।