जाने माने साहित्यकार मनु शर्मा अपने पीछे साहित्य की एक ऐतिहासिक विरासत छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए। वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर उन्हें अंतिम विदाई देने वालों की आंखें नम थीं। पद्मश्री मनु शर्मा को पौराणिक कथाओं और पात्रों को आधुनिक संदर्भ में उपन्यासों-कहानियों के जरिए जीवंत करने वाला हिंदी साहित्य का पुरोधा माना जाता था। 89 वर्षीय शर्मा ने वाराणसी के बड़ी पियरी स्थित आवास