जाने माने कवि और बेहद आत्मीय मंगलेश डबराल को यूं खो देना आज भी मन में कचोट पैदा करता है। उनकी ढेर सारी यादें हैं। साहित्य जगत और खासकर कविता के क्षेत्र में उनके योगदान की कहानी और उपलब्धियां तो अपनी जगह हैं लेकिन उनके भीतर का संवेदनशील इंसान अपनी जगह। उनके तमाम दोस्त, संघर्षों के साथी और हर उतार चढ़ाव के गवाह हमारे कई वरिष्ठ लेखक, कवि, साहित्यकार औऱ संस्कृतिकर्मी उन्हें कभी नहीं भू