हिंदी में पहली ओपेरा करनेवाली पद्मभूषण से सम्मानित प्रख्यात शास्त्रीय गायिका शन्नो खुराना का ओपेरा जब साठ के दशक में दिल्ली में हो रहा था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू उसे देखने आए थे, वे आइफेक्स में आधे घण्टे तक उसे देखने आए थे लेकिन वह ओपेरा उन्हें इतना पसंद आया कि वे उसे पूरा देखना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने विदेश से आये नेताओं के साथ अपनी अपॉइंटमेंट रद्द कर दी।
हिंदी के प्रसिद्ध कवि एवं कला समीक्षक प्रयाग शुक्ल ने कहा है कि रंगमंच ऐसी कला है जिसमें सारी कलाएं रूपांतरित होकर मिल जाती हैं और मिलकर एक नई कला बन जाती है। शुक्ल ने भारंगम समारोह के दौरान" श्रुति" कार्यक्रम के तहत '' रंग प्रसंग "पत्रिका के युवा अंक का लोकार्पण करते हुए यह बात कही। प्रयाग शुक्ल ने ही इस पत्रिका का शुभारंभ किया था और इस इस अंक के अतिथि संपादक भी वहीं हैं। उन्होंने अ
भारंगम की शुरुआत तीन दिन पहले हो चुकी है और अब लोगों की निगाह महिला निर्देशकों पर केंद्रित हो रही है। इस बार भारंगम में 24 महिला निर्देशकों के नाटक हो रहे हैं। गुरुवार को प्रसिद्ध रंगकर्मी हेमा सिंह के नाटक से इसकी विधिवत शुरुआत हो चुकी है। हेमा सिंह ने हिंदुस्तानी में आगा हश्र कश्मीरी के नाटक "ख्वाब ए हस्ती" का मंचन किया।
ब से भारत रंग महोत्सव (भारंगम) शुरु हुआ है रंगकर्मियों और रंग संस्थाओं के लिए एक बड़े और प्रतिष्ठित मंच पर खुद को अभिव्यक्त करने का मौका मिलने लगा। पच्चीस साल हो गए। 1999 में जब इसकी शुरुआत हुई तो एनएसडी के निदेशक थे रामगोपाल बजाज। पहले भारंगम में गिरीश कर्नाड के नाटक नागमंडल खेला गया था अमाल अल्लाना के निर्देशन में। इसके अलावा भी कई अन्य चर्चित नाटक। इन पच्चीस सालों में अब भारंगम का स