एक दिन आकस्मिक किसी का फोन आया कि एक बजे दोपहर को ओबेरॉय होटल में आपको साधना और उनके पति आर.के.नैयर ने लंच पर बुलाया है। मैंने कहा कि फ़िल्म मेरी बीट नहीं है, मुझे क्यों बुलाया गया है। उस व्यक्ति का जवाब था, यह तो मुझे पता नहीं लेकिन मुझे आपका फोन नंबर और नाम दिया गया है। उन दिनों मैं 'दिनमान' में काम करता था। अपने संपादक रघुवीर सहाय के कक्ष में जाकर हक़ीक़ बयां की। उन्होंने कहा हो आईये।