क्या इस क्वारंटीन समय में रंगमंच में कोई नवीनता आ सकती है? बहसें चल रही हैं। कई, बल्र्कि ज्यादातर, रंगकर्मी ऐसे हैं जो भरतमुनि और स्तानिस्लावस्की के सिद्धांतों से टस से मस होने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि थिएटर सिर्फ वास्तविक स्पेस यानी रंगमंच में संभव है और ऑनलाइन थिएटर नाम की कोई चीज संभव नहीं हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो इन दौर में नया प्रयोग कर रहे हैं और वीडियो की तकनी