वे बेशक 91 साल के हो चुके हों, लंबे समय से अस्पताल में हों लेकिन उनके भीतर का कवि आखिरी वक्त तक सांस लेता रहा। गाजियाबाद में ही वयोवृद्ध कवि कृष्ण मित्र ने अपना पूरा जीवन बिता दिया। देश उनकी कविताओं में धड़कता था। मौजूदा सियासी हालात से वह बहुत खुश नहीं थे, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी उनके हमेशा से आदर्श रहे।
ओज के कवि कृष्ण मित्र आज हमारे बीच नहीं हैं। ओज के इस महाकवि ने लगभग पांच दशक से भी अधिक समय तक देश-विदेश में गाजियाबाद का परचम लहराया। पिताश्री से. रा. यात्री के साहित्य होने के नाते मेरा उनसे पारिवारिक नाता तो बरसों से था। लेकिन मुझे उनका स्थाई संरक्षण करीब 38 साल पहले तब मिला जब एम. ए. करने के दौरान 1984 में मैं विनय संकोची के सानिध्य में दैनिक प्रलयंकर में उनका सहयोगी हो गया।
जाने माने वयोवृद्ध कवि कृष्ण मित्र 88 साल के हो चुके हैं... उनकी यादों में तमाम साहित्यकार और कवियों के ढेर सारे अनुभव हैं। कृष्ण मित्र जी ने प्रख्यात गीतकार श्याम निर्मम को बहुत करीब से देखा और महसूस किया.. उनकी रचनाओं से लेकर उनके व्यक्तित्व के बारे में उनकी अपनी राय है। आदरणीय श्याम निर्मम जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए 7 रंग के पाठकों के लिए कृष्ण मित्र जी का ये आलेख बहुत माय