मशहूर कवि, लेखक और संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने कहा है कि इस बार युवा कार्यक्रम में महिला वक्ताओं ने ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है और उन्होंने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। वाजपेयी ने रज़ा फाउंडेशन की ओर से आयोजित युवा कार्यक्रम के तहत हिंदी की यशस्वी लेखिका कृष्णा सोबती के जन्मशती समारोह के मौके पर यह बात कही।
हिंदी की यशस्वी लेखिका कृष्णा सोबती क्या उभय लिंगी लेखिका थी? क्या उनकी भाषा राजनीतिक भाषा थी और उनकी लेखकीय दृष्टि और औपन्यासिक दृष्टि में कोई फांक थी? कृष्णा सोबती की जन्मशती के मौके पर रज़ा फाउंडेशन की ओर से आयोजित युवा समारोह में इन सवालों पर आरंभिक दो सत्रों में विचार हुआ।
जानी मानी कथाकार और उपन्यासकार कृष्णा सोबती की जन्मशती बेशक फरवरी 2025 से शुरु हो रही हो, लेकिन साहित्य अकादमी ने 19 और 20 दिसंबर को दो दिनों तक उनकी पूरी साहित्यिक यात्रा पर गंभीर आयोजन किया। इस संगोष्ठी में कृष्णा सोबती के व्यक्तित्व के तमाम पहलुओं के साथ उनके लेखन के तमाम आयामों पर चर्चा हुई।