वरिष्ठ कथाकार, उपन्यासकार, संपादक और अपनी लंबी साहित्यिक यात्रा के अनुभवों से भरे से रा यात्री का जाना साहित्य जगत के लिए एक सदमे की तरह है। यात्री के जाने से देश की हिन्दी पट्टी का साहित्य संसार जहां वीरान हो गया वहीं यात्री जी की साहित्यिक यात्रा पर पूर्ण विराम लग गया।