महाभारत की तीन सशक्त महिला किरदारों ने जो किया क्यों किया, उनपर सवाल उठाने वालों को जवाब देने की रचनात्मक कोशिश... देश की शीर्ष नृ्यांगनाओं ने 'स्त्री संपंदन ' के ज़रिये नारी हृदय और उनके फैसलों के पीछे की कहानी को समझने और समझाने का किया जीवंत प्रयास ... कथक गुरु शोवना नारायण, मोहिनीअट्टम की गोपिका वर्मा और ओडिसी की शैरोन लॉवेन का 'स्त्री स्पंदन'
उनकी शख्सियत में एक खास किस्म की रूमायित और सादगी थी। उनके भीतर इस उम्र में भी एक छोटा बच्चा था। उनके कथक की बारीकियां और उनकी भाव भंगिमाएं तो सबने देखीं और दुनिया ने उन्हें कथक सम्राट का दर्ज़ा भी दिया, लेकिन अस्सी पार करने के बाद भी उनके भीतर का वो बच्चा कृष्ण के नन्हें अवतार की तरह उनके नृत्य में, उनके चेहरे पर, उनकी आंखों में मचलता रहता था। वो कहते और डूब जाते, ‘कान्हा की लीलाएं और च