साहित्योत्सव के पांचवे दिन हिंदी के प्रख्यात लेखक एवम नाटककार मोहन राकेश को उनकी जन्मशताब्दी पर याद किया गया और सवाल उठा कि क्या उनकी रचनाओं का मूल्यांकन उनके जीवन की घटनाओं के आधार पर होना चाहिए या उनके लिखे पर ? सवाल यह भी उठा कि क्या वे अपनी रचनाओं में स्त्री विरोधी थे?
असगर वजाहत के नाटकों में देश और समाज को देखने और इतिहास को वैज्ञानिक तथ्यों के साथ सामने लाने का जो शिल्प है, वह अद्भुत है। उनका ताज़ा नाटक 'महाबली' इसकी मिसाल है। दिल्ली के श्रीराम सेंटर में इस नाटक का पहला शो पिछले दिनों जाने माने रंगकर्मी एम के रैना के निर्देशन में हुआ। महाबली में क्या है खास और कौन हैं इस नाटक के दो महाबली जो हमारे देश में हर वक्त धड़कते रहते हैं, ये जानने की कोशिश क