मच्छर आपको हर जगह मिल जाएंगे। इनके लिए कहीं कोई रोक-टोक नहीं। जहां अनुकूल माहौल मिला डाल दिया डेरा डंगर और फैला लिया अपना साम्राज्य। कोई भी मौसम या कोई भी जगह इनके लिए पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं है। फिर भी जहां इनके रहने, खाने और पीने की सुविधाएं मिलती हैं, वहां चप्पे-चप्पे पर इन्हीं का कब्जा रहता है। अपने यहां मच्छरों के लिए सारी सुविधाएं मौजूद हैं। प्रशासन इनका विशेष ध्यान रखता है।
लड्डू प्रकरण के बाद चूंचूं अंकल का दिल रह रहकर लड्डुओं के लिए मचल उठता है। मुंह का पानी कतई सूखने में नहीं आ रहा है। हर समय उनके मन में लड्डू फूट रहे हैं। लड्डुओं के प्रति अचानक उमड़ी उनकी प्रीति से घर के बाकी लोग हैरान हैं। रोज घर में आधा किलो लड्डू आते हैं और चूंचूं अंकल शाम तक सब अकेले ही निपटा देते हैं। सुबह फिर लड्डू-लड्डू की रट लगाने लगते हैं। अंकल का लड्डू प्रेम इनदिनों उनके देश
मैं सड़क का एक अच्छा और प्यारा सा गड्ढा हूं। सड़क पर गड्ढे तो और भी हैं। सड़क है तो गड्ढे भी होंगे, लेकिन मैं सबसे थोड़ा अलग दिखता हूं। मेरा दायरा अन्य गड्ढों से विस्तृत है। गहराई भी कुछ ज्यादा है। मैं सड़क के एकदम बीचोबीच हूं, इसलिए आने-जाने वालों का सबसे ज्यादा प्यार मुझे ही मिलता है। साइकिल-बाइक वाले अक्सर मुझे दंडवत करते हैं। बड़ी-बड़ी गाड़ियां भी मेरे पास आते ही नरम पड़ जाती हैं औ