किसी भी देश की संस्कृति को विकसित करने, इसे सहेजने और खुद को अभिव्यक्त करने का एक बेहतरीन ज़रिया है साहित्य। साहित्य वो विधा है जिसके कई आयाम हैं। कहानियां, कविताएं, गीत, शायरी, लेख, संस्मरण, समीक्षा, आलोचना, नाटक, रिपोर्ताज, व्यंग्य – अभिव्यक्ति के तमाम ऐसे माध्यम हैं जिनसे साहित्य बनता है और समृद्ध होता है। साहित्य में समाज और जीवन के हर पहलू की झलक होती है। संवेदनाओं और दर्शन का बेहतरीन मेल होता है। संस्कृति और तमाम कालखंडों की और राजनीति से लेकर बेहद निजी रिश्तों तक की अद्भुत अभिव्यक्ति होती है। भाषा का एक विशाल संसार गढ़ता है साहित्य। साहित्य के मौजूदा स्वरूप, नए रचनाकर्म और छोटे बड़े साहित्यिक आयोजनों के अलावा आप इस खंड में पाएंगे साहित्य का हर रंग…


साहित्य
हिन्दी, उर्दू और संस्कृत के अच्छे दिन लाएगी हिन्दुस्तानी एकेडमी
mm Indianartforms
February 16, 2016

उत्तर भारत के रचनाकारों की रचनाधर्मिता को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित की गई यूपी की हिन्दुस्तानी एकेडमी अदब से जुड़े रचनाकारों के लिए अब अच्छे दिन लाने की योजना बना रही है| हिन्दुस्तानी एकेडमी ने ऐलान किया है कि हिन्दी और उर्दू के रचनाकारों को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित और पुरस्कृत करने की बंद हो चुकी परम्परा अब 18 बरसों के बाद फिर से शुरू की जायेगी|

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आएंगे उजले दिन, ज़रूर आएंगे…
mm Indianartforms
September 29, 2015

साहित्य और पत्रकारिता के बीच क्या रिश्ता हो सकता है, इसे समझने के लिए वीरेन डंगवाल की शख्सियत को करीब से देखा जा सकता है। 68 साल के वीरेन डंगवाल की सादगी के बारे में, संवेदनशीलता के बारे में, उम्मीदों से भरी उनकी कविताओं के बारे में उनके चाहने वालों ने लगातार लिखा, अपने अनुभव साझा किए और वीरेन दा के गुज़र जाने के बाद तमाम मंचों पर उन्हें अपने अपने तरीके से याद किया।

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