कला के कई रूप हैं। रंगों की अपनी भाषा है। रेखाएं बोलती हैं। कलाकृतियां कुछ कहती हैं। चित्रों के पीछे पूरा एक दर्शन छुपा होता है और रंगों के संयोजन के पीछे कहीं न कहीं कोई कल्पना होती है। देशभर में कलाकार तो भरे पड़े हैं, दिल्ली, मुंबई समेत तमाम बड़े शहरों में बनी आर्ट गैलरी किसी न किसी कलाकार के काम का एक बेहतरीन आईना भी हैं। लेकिन तमाम कलाकारों का दर्द है कि इस देश में कला की कद्र नहीं। तमाम अकादमियां हैं, आर्ट और स्कल्पचर के तमाम कॉलेज हैं, बड़ी संख्या में यहां ये हुनर सीखने वाले भी हैं लेकिन ऐसा क्या है जो कलाकारों के भीतर उपेक्षा का भाव भरता है। हमारा मकसद इन सवालों पर बहस के साथ साथ देश भर के उन कलाकारों को मंच देना है और उनके काम को एक बड़ा आयाम देना है जो महज गैलरी में सिमट कर रह जाते हैं और चंद पेंटिग्स के बिक जाने का इंतज़ार भर करते हैं। कला के क्षेत्र में नया क्या हो रहा है, नई पीढ़ी के कलाकार क्या कर रहे हैं और जाने माने कलाकारों के काम को दुनिया किस तरह देख रही है – ये सब हम बताने की कोशिश करेंगे।
पत्थरों पर शिल्प और मूर्तिशिल्पियों की मेहनत से आकार लेती चट्टानें। लखनऊ में इन दिनों कलाकारों और कलाप्रेमियों के लिए इसे जीवंत देखना एक नई अनुभूति है। आठ दिनों तक चलने वाले अखिल भारतीय समकालीन मूर्तिकला शिविर यानी शैल उत्सव में कलाकृतियों को देखने बड़ी संख्या में कलाप्रेमी आ रहे हैं जिससे कलाकारों का मनोबल काफी बढ़ा है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से वास्तुकला एवं योजना सं
Read Moreजन संस्कृति मंच की लखनऊ इकाई के सालाना समारोह में लेखक और पत्रकार अनिल सिन्हा की स्मृति में भारतीय चित्रकला का सच विषय पर विस्तृत चर्चा हुई। मुख्य वक्ता, जाने माने चित्रकार और कला समीक्षक अशोक भौमिक ने इस मौके पर भारतीय कला के तमाम पहलुओं और इसके ऐतिहासिक संदर्भों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय कला का इतिहास तभी से शुरू होता है जब से हम इन चित्रों के बारे में जानना शु
Read Moreललित कला अकादमी को इस बार की राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी और पुरस्कारों के लिए देश भर से 2291 कलाकारों की 5714 प्रविष्ठियां मिली। जाहिर है इतनी बड़ी संख्या में आई प्रविष्ठियों में से 20 कलाकारों को पुरस्कारों के लिए चुनना कोई आसान काम नहीं था। इसके लिए अकादमी ने दो निर्णायक मंडल बनाए।
Read Moreललित कला अकादमी की तमाम दीर्घाओं में देश के तमाम कलाकार अपने शानदार काम के साथ लगातार मौजूद हैं। यहीं पिछले दिनों जानी मानी कलाकार, क्यूरेटर और रंगों और शिल्पकारी की दुनिया में अपनी खास पहचान बना चुकी मध्य प्रदेश की सुप्रिया अंबर ने इस बार एक नया प्रयोग किया। यह प्रयोग खासकर महिला चित्रकारों/कलाकारों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है।
Read Moreएक बेहतरीन और अद्भुत उर्जा से भरपूर कलाकार हैं अशोक भौमिक। प्यार से उन्हें लोग भौमिक दा कहते हैं। संघर्षों से तपे और बढ़े हैं। करीब चार दशकों से जन आंदोलनों से जुड़े रहे हैं। अब तो वो अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के बेहद संवेदनशील, सूक्ष्म दृष्टि रखने वाले और कला की बारीकियों पर लगातार लिखने वाले अद्भुत शख्सियत हैं। भौमिक दा की ताजा एकल प्रदर्शनी 'मेड इन द शेड' दिल्ली के कला प्रेमियों का
Read Moreअक्सर ये देखा गया है कि जो सत्ताएं मंगलकारी राज्य के नारे और घोषणाओं के साथ आती है वो एक ऐसे दु:स्वप्न या आतंककारी सत्ता में बदल जाती हैं जिसमें नागरिक सामान्य अधिकारों का हनन होता है। ये एक विश्वव्यापी परिघटना है और दुनिया भर के साहित्य और कलाओं में इसे लक्षित और इंगित किया गया है। योरोपीय समाज में इसे मोटे तौर फासिज्म नाम से जाना जाता है। भारतीय समाज में भी इस परिघटना की अनुगूंज
Read Moreकला की कई परिभाषाएं हैं। इनमें एक है कि कला आत्म का आविष्कार है। इसका क्या मतलब है? इसका मतलब यह है कि एक कलाकार अपने व्यक्तित्व को अपनी कला के माध्यम से अर्जित करता है। निजी स्तर पर भी और सार्वजनिक स्तर पर भी। युवा कलाकार अंजुम खान की कला इसी की अभिव्यक्ति है। यह तो सत्य है कि कोरोना काल में कई कलाएं संकटग्रस्त हुई हैं और इसी कारण कलाकार भी।
Read Moreअपने देश में कला और संस्कृति के अलग अलग रूप हैं। हर शहर की अपनी संस्कृति, परंपरा, कला और पहचान होती है। और अगर उसे यूनेस्को अपनी सूची में शामिल कर ले तो जाहिर है उसकी अहमियत और बढ़ जाती है। यूनेस्को की ताजा सूची में अब श्रीनगर का नाम भी जुड़ गया है। देश के पांच शहर पहले से ही यूनेस्को की सूची में रचनात्मक शहर का दर्ज़ा पा चुके हैं। ये शहर हैं - मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, वाराणसी और जयपुर। अब
Read Moreकला और संस्कृति के क्षेत्र में भारत और नेपाल के आदान प्रदान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कई आयाम हैं। लखनऊ में पिछले दिनों नेपाल के कई कलाकारों ने अपनी शिल्पकला और पेंटिंग के नमूने पेश किए। लखनऊ विश्वविद्यालय के कला एवं शिल्प महाविद्यालय ने नेपाल से आये कलाकारों के एक प्रतिनिधि मण्डल का कला महाविद्यालय में स्वागत किया और विद्यार्थियों के लिये उनके लाइव डिमॉन्स्ट्रेशन का कार्यक
Read Moreनए साल की शुरुआत के साथ ही कलाकारों में एक नया जोश देखने को मिला है और वो करीब नौ महीनों के बाद खुलकर अपनी कला का प्रदर्शन करने एक जगह जमा हो रहे हैं। ये पहल की है दिल्ली की नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डर्न आर्ट्स (एनजीएमए) ने। 2020 की तमाम बंदिशों के बाद एनजीएमए ने नए साल के पहले शनिवार और रविवार से हर हफ्ते कलाकारों के लिए ये बेहतरीन और उत्साह बढ़ाने वाला सिलसिला शुरु किया है। पहले दिन इसके मुख्य
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