पुस्तक समीक्षा -आर.ज्योति 'जिसका मन रंगरेज' देव प्रकाश चौधरी की चौथी किताब है। जितने खूबसूरत अंदाज में यह किताब लिखी गई है, किताब का डिजाइन भी उतना ही शानदार है। सिलसिलेवार तरीके से यह किताब अर्पणा कौर के जीवन, संघर्ष और चित्रकार के रूप में सफलता को बयां करती है। इसे पढ़ते हुए पाठक को महसूस होगा कि वह अर्पणा कौर पर कोई डॉक्यूमेंट्री देख रहा है। किताब क
त्रिलोचन जी को गए भले ही नौ साल गुज़र गए हों लेकिन आज भी यही लगता है कि वो हमारे बीच ही हैं। उनके साथ जिन लोगों ने वक्त गुज़ारा, जिन लोगों ने उन्हें करीब से देखा और महसूस किया, उनके लिए वो हमेशा रहेंगे। अपनी कविताओं के साथ साथ अपने बेहद सरल और आत्मीय व्यक्तित्व की वजह से। ये हमारे साहित्य जगत का दुर्भाग्य है कि जो लोग अपनी मार्केटिंग नहीं कर पाते, जो लोग सत्ता के करीब नहीं रह पाते और जिन
कवि और गीतकार गोपालदास नीरज के साथ 7 रंग और indianartforms.com के संपादक अतुल सिन्हा ने कुछ अंतरंग पल गुज़ारे। अलीगढ़ में उनके घर पर कई मुद्दों पर उनसे आत्मीय बातचीत भी की। उम्मीदों के इस कवि ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी के फैसले पर नाउम्मीदी ज़ाहिर की और चुटकी लेते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और काला धन की समस्या ऐसे फैसलों से खत्म नहीं होने वाली। Read More
अलीगढ़, 9 दिसंबर।अपनी वेबसाइट www.indianartforms.com और वेब टीवी 7 रंग की कामयाबी के लिए देश के जाने माने वयोवृद्ध कवि और गीतकार गोपालदास नीरज ने शुभकामनाएं दी हैं। अलीगढ़ के अपने निवास पर नीरज जी ने 7 रंग का लोकार्पण करते हुए इसे करीब से देखा औ
हाल के कुछ सालों में दुनिया भर में युवाओं के बीच टैटू का जबर्दस्त क्रेज देखने को मिला है। साथ ही टैटू आर्टिस्ट्स की डिमांड भी दुनिया भर में बहुत बढ़ी है। पहले के जमाने में जिसे गोदना कहते थे, वो अब टैटू आर्ट बन चुका है और दुनिया के कोने कोने में इसकी दीवानगी देखी जा रही है। कुछ ऐसी ही दीवानगी इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में देखने को मिली जहां दूसरा अंतरराष्ट्रीय हार्टवर्क टैटू फेस्
अमेरिका ने नई दिल्ली स्थित अमेरिकी राजदूत के सरकारी आवास रूजवेल्ट हाउस को धरोहर में शामिल किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत सहित सात देशों के राजनयिक भवनों को सांस्कृतिक महत्व की संपत्ति के रजिस्टर में शामिल किया है। नई दिल्ली के रूजवेल्ट हाउस को विदेश मंत्री जॉन केरी ने इस सूची में शामिल किया है। साल 2000 में शुरू हुए व्हाइट हाउस मिलेनियम प्रोजेक्ट में अमेरिका की 33 सरकारी स
नई पीढ़ी को परंपरागत संगीत शैली से जोड़ रहा है प्रतिश्रुति फाउंडेशन उत्तर पूर्वी राज्यों में शास्त्रीय संगीत के साथ साथ संस्कृति के तमाम आयामों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे प्रतिश्रुति फाउंडेशन की पहचान अब देश के तमाम हिस्सों में भी बन रही है। पश्चिम बंगाल और मुंबई में भी फाउंडेशन के कामकाज को सराहा जा रहा है और इसके संस्थापक सिद्धार्थ दास को एक नई पहचान मिल रह
आज के दौर में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर बहस छिड़ी है और देश एक अजीबो गरीब दौर से गुज़र रहा है। रिश्तों और सामाजिक तानेबाने पर सवाल उठ रहे हैं। सियासत के साथ साथ तकनीकी विकास, वर्चुअल दुनिया, कैशलेस इंडिया का सपना और कतारों में खड़ा देश हर गली चौराहों पर नज़र आ रहा है, ऐसे में बेकल उत्साही जैसे शायर का गुज़र जाना किसी अपने को खो देने जैसा है। उम्र बेशक 88 बरस की रही हो लेकिन उत्सा
• राजीव सिंह पिछले दिनों बनारस के पुराने मित्र हेमंत शर्मा का एक निमंत्रण मिला. यह न्योता नोएडा में आयोजित बुढ़वा मंगल का था. बुढ़वा मंगल का नाम सुनते ही बनारस की भूली- बिसरी स्मृतियाँ मन में तैरने लगी. बुढ़वा मंगल के आयोजन में शामिल होने की लिए मंगलवार २९ मार्च को मैं नोएडा के सेक्टर ४४ में रात ८ बजते- बज