भारंगम में रूसी और जर्मन महिला निर्देशकों के भी नाटक
इस बार भारंगम में महिला निर्देशकों के नाटक भी काफी हो रहे हैं और दिल्ली के अलावा बाहर भी इसके मंचन हो रहे हैं।इस पर वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार की रिपोर्ट।
नई दिल्ली, 31 जनवरी। भारत रंग महोत्सव की शुरुआत तीन दिन पहले हो चुकी है और अब लोगों की निगाह महिला निर्देशकों पर केंद्रित हो रही है। इस बार भारंगम में 24 महिला निर्देशकों के नाटक हो रहे हैं। गुरुवार को प्रसिद्ध रंगकर्मी हेमा सिंह के नाटक से इसकी विधिवत शुरुआत हो चुकी है। हेमा सिंह ने हिंदुस्तानी में आगा हश्र कश्मीरी के नाटक “ख्वाब ए हस्ती” का मंचन किया।
भारंगम में रवींद्र नाथ टैगोर के नाटक” इति मृणालिनी”असमी में राब्जिता गोगोई कर रही हैं तो प्रसिद्ध रंगकर्मी नीलम मान सिंह का मंटो की कहानी पर आधारित नाटक “तमाशा ” भी होगा ।
दिवंगत रंगकर्मी त्रिपुरारी शर्मा द्वारा निर्देशित “आधे अधूरे “भी होगा जो मोहन राकेश का बहुचर्चित नाटक है। गौरतलब है कि इस साल मोहन राकेश की जन्मशती भी है।
प्रसिद्ध रंगकर्मी बी जयश्री का नाटक “जसमा ओडन “भी होगा जो शांता गांधी का मशहूर नाटक है। नादिरा बब्बर भी एक नाटक करेंगीं। वहीं वीणा शर्मा कम्बार नाटक शिवरात्रि लेकर आई हैं। अन्य महिला निर्देशकों में प्रीति झा तिवारी, स्वाति दुबे, नवदीप कौर, सुष्मिता मुखर्जी पास्की, दिव्या मस्की, नसरीना इशाक, बी श्रुति, ऋतुरेखा नाथ प्रमुख हैं।
रूस की महिला निर्देशक नीना चुसोवा ब्लाज्मनोव की शादी नामक नाटक करेंगी जो रूसी भाषा में होगा तो जर्मनी की जुलिया स्त्रेहलेर का भी नाटक “ब्राचलैंड फेलोवलैंड” होगा। कुछ नाटक रांची, खैरागढ़, गोरखपुर और अहमदाबाद में भी होंगे।
भारंगम की प्रेस कांफ्रेंस में एनएसडी के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने कहा था कि इस बार बड़ी संख्या में महिला निर्देशकों के नाटक आये हैं और सब अपनी प्रतिभा के बल पर आए हैं। उन्हें किसी कोटा विशेष में स्थान नहीं मिला है बल्कि मेरिट से उनके नाटकों का चयन हुआ है।इसका स्वागत किया जाना चाहिए।
Posted Date:
- अरविंद कुमार का आलेख
January 31, 2025
6:15 pm Tags: भारंगम, महिला निर्देशकों के नाटक