हिंदी की वरिष्ठ कवयित्री गगन गिल समेत 23 भारतीय भाषाओं के लेखकों को साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किये गए। कमानी सभागार में एक गरिमापूर्ण समारोह में अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने श्रीमती गिल समेत सभी विजेताओं को यह सम्मान प्रदान किया।सम्मान में एक लाख रुपये की राशि प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह शामिल है। श्रीमती अनामिका के बाद दूसरी कवयित्री हैं जिन्हें यह सम्मान मिला।उंन
Read Moreहिंदी के प्रसिद्ध आलोचक मदन सोनी का कहना है कि वह साहित्य अकादमी का अनुवाद पुरस्कार पाकर काफी खुश हैं और यह पुरस्कार अनुवादक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अनुवादकों ने ही दुनिया के साहित्य को पाठकों से केवल परिचय ही नहीं कराया बल्कि उसे लोकप्रिय भी बनाया है। भोपाल में रहने वाले 74 वर्षीय मदन सोनी ने साहित्य अकादमी की ओर से अनुवाद पुरस्कारों की घोषणा के बाद अपनी पहली प्रतिक्
Read Moreहिंदी के जाने माने आलोचक मदन सोनी को साहित्य अकादेमी का अनुवाद पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में 21 अनुवादकों को साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार 2024 के लिए अनुमोदित किया गया।
Read Moreभारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कल (5 मार्च 2025) राष्ट्रपति भवन में "विविधता का अमृत महोत्सव" के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। यह एक ऐसा वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव है जो विभिन्न क्षेत्रों की अनूठी परंपराओं को प्रदर्शित करके भारत की विविध विरासत का जश्न मनाता है।
Read Moreसीमांतिनी उपदेश की लेखिका हरदेवीं जेल जाने वाली पहली लेखिका थी और स्त्री लेखकों को शामिल किए बिना हिंदी नवजागरण अधूरा है। देश की जानी मानी स्त्री विमर्शकारों ने आज इलाहाबाद विश्विद्यालय शताब्दी समारोह के अंतर्गत स्त्री विमर्श पर आयोजित दो दिवसीय समारोह में यह बात कही।
Read Moreसाहित्य अकादेमी द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाला साहित्योत्सव-2025 इस वर्ष एशिया का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव होगा। पिछली बार का साहित्योत्सव 2024 दुनिया का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव था। यह जानकारी अकादेमी द्वारा आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने साझा की।
Read Moreहमारे दो बड़े लेखक -फणीश्वरनाथ रेणु और नागार्जुन- बिहार के मिथिलांचल से थे। इनका मिथिलांचंली होना एक संयोग था मगर असली समानता उनमें दोनोंं लेखकों की विचार और कर्म के स्तर पर सक्रिय राजनीतिक सक्रियता थी। शायद रेणु की सक्रियता ज्यादा थे। नागार्जुन यायावर थे, देशभर में घूमते रहते थे मगर रेणु को आना-जाना सामान्य रूप से ही प्रिय था(याद करें 'ऋणजल' के वे अंश जब सूखे की कवरेज के लिए आये ' द�
Read Moreक्या आप ऐसे किसी अंग्रेजी जर्नलिस्ट को जानते हैं जिन्हें उर्दू से इतनी मोहब्बत हो कि उसने बकायदा उर्दू सीखकर उर्दू में अखबारनवीसी की हो और उर्दू में किताब भी लिख डाली हो? ऐसे वक़्त में जब सियासत देश में हिंदी उर्दू को आपस में लड़ा रही हो, उर्दू के खिलाफ नफ़रत फैला रही हो ,उस ज़ुबां को धर्म से जोड़ा जा रहा हो और उसे मरती हुई ज़ुबान बताया जा रहा हो, एक महिला पत्रकार ने बाकायदा उर्दू सीखकर ए�
Read More