परंपरा और सिद्धांत के दायरे से मुक्त लेखन ही कालजई लेखन को जन्म देता है। 'कथा रंग' के 'कथा संवाद' को संबोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार एवं कार्यक्रम अध्यक्ष रवि कुमार सिंह ने कहा कि हर दौर में लेखकों पर अपने परिवेश का दबाव रहता है। लेकिन खास विचारधारा से प्रभावित लेखन न तो अधिक समय तक विमर्श में रहता हैं और न ही इतिहास में जगह बना पाता है। उन्होंने कहा कि रचनाकार को सिद्धांत व परंपरा
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