16 जनवरी 2022 की रात करीब बारह- सवा बारह बजे का वक्त। दिल्ली के अपने घर में पंडित जी अपनी दो पोतियों रागिनी और यशस्विनी के अलावा दो शिष्यों के साथ पुराने फिल्मी गीतों की अंताक्षरी खेल रहे थे। हंसते मुस्कराते, बात बात पर चुटकी लेते पंडित जी को अचानक सांस की तकलीफ हुई और कुछ ही देर में वो सबको अलविदा कह गए। आगामी 4 फरवरी को वो 84 साल के होने वाले थे।
Read Moreउनकी शख्सियत में एक खास किस्म की रूमायित और सादगी थी। उनके भीतर इस उम्र में भी एक छोटा बच्चा था। उनके कथक की बारीकियां और उनकी भाव भंगिमाएं तो सबने देखीं और दुनिया ने उन्हें कथक सम्राट का दर्ज़ा भी दिया, लेकिन अस्सी पार करने के बाद भी उनके भीतर का वो बच्चा कृष्ण के नन्हें अवतार की तरह उनके नृत्य में, उनके चेहरे पर, उनकी आंखों में मचलता रहता था। वो कहते और डूब जाते, ‘कान्हा की लीलाएं और च
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