गुलज़ार साहब की नज़्में हों या उनकी कविताई का अंदाज़, उनकी ज़िंदगी के फ़लसफ़े हों या साहित्यिक शख्सियतों से उनकी मुलाकातों के किस्से... आप सुनेंगे तो सुनते रह जाएंगे... अमृता प्रीतम की सौंवी सालगिरह मनाते हुए उन्हें चाहने वाले बेशक अमृता जी को अपने अपने तरीके से याद कर रहे हैं, लेकिन ज़रा गुलज़ार साहब और अमृता जी की मुलाकात के ये किस्से भी पढ़िए...
Read Moreनटरंग प्रतिष्ठान इफ़को, रंग विदूषक, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, इप्टा, अभिनव रंगमंडल आदि अनेक संस्थाओं के सहयोग से नेमि शती पर अनेक आयोजन दिल्ली और कई शहरों में कर रहा है। ये आयोजन अनूठे ढंग से नेमि जी के योगदान पर एकाग्र न होकर उनके कुछ बुनियादी सरोकारों जैसे विचार, कविता, उपन्यास, रंगमंच, संस्कृति की वर्तमान स्थिति पर केन्द्रित हैं। शुभारम्भ हुआ तीन दिनों के उत्सव से जो 16-18 अगस्त 2019 क
Read Moreकिसी बड़े रचनाकार की जन्मशती के मौके पर ये सवाल उठ सकता है कि उसे किस रूप में याद रखा जाए? खासकर अगर वह कई विधाओं में सक्रिय रहा हो तो। नेमिचंद्र जैन (जन्म 1919) की जन्म शती के मौके पर भी उनकी तमाम विधाओं के साथ उन्हें याद करते हुए उनके व्यक्तित्व का एक समग्र खाका खींचने की कोशिश हो रही है।
Read Moreअथाह ज्ञान का भंडार रहे त्रिलोचन बातचीत करते करते साहित्य, संस्कृति और राजनीति के इतने आयाम बिखेर देते थे कि उन्हें समेट पाना मुश्किल हो जाता था। आप सवाल कविता पर कीजिए तो त्रिलोचन आपको कई देशों की समृद्ध साहित्यिक परंपरा का परिचय कराते हुए वहां की संस्कृति और राजनीति के बारे में बताएंगे और तब कविता पर आंएंगे। अब आप आपना सही उत्तर तलाश लीजिए। विचारों के धरातल पर आप इस 77 साल के नौजव
Read Moreजाने माने पत्रकार और छायाकार प्रभात सिंह की पहल पर बरेली में ‘संवाद न्यूज़’ और ‘विंडरमेयर’ की तरफ से 18 अगस्त को वृतचित्र उत्सव मनाया जा रहा है। वृत्त चित्र यानी डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के इस उत्सव में गांधी जी की 150वीं जयंती और जश्न-ए-आज़ादी पर केन्द्रित फिल्में दिखाई जाएंगी। ये फ़िल्में देश के स्वाधीनता आंदोलन के अलग-अलग पहलुओं का दस्तावेज़ हैं। इस दौरान 4 मिनट से लेकर 38 मिनट तक की न
Read Moreदो-तीन साल पहले जब फिरोज अहमद खान ने बॉलीवुड की बेहद चर्चित फिल्म मुगले आजम’ को रंगमच पर पेश किया तो न सिर्फ फिल्म प्रेमियों को के. आसिफ की उस बहुचर्चित फिल्म की याद फिर से आई बल्कि नाटक की दुनिया में भी उसे एक नए प्रयोग के रूप मे देखा गया। शायद उसी से प्रेरणा लेकर राजीव गोस्वामी ने पिछले हफ्ते जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के विशाल ऑडिटोरियम मेंउमराव जान अदा’ को मंच पर पेश किया जिसमें संग
Read Moreविष्णु खरे के कवि-व्यक्तित्व को किसी एक खांचे या सांचे में ढाला नहीं जा सकता। उनके यहां भिन्न प्रकार की कविताएं हैं। कुछ तो ऐसी हैं कि जिनका भरपूर आस्वाद करने के लिए पाठक को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ सकती है। कई बार शब्दों के अर्थों के लिए शब्दकोष देखने पड़ सकते हैं क्योंकि उर्दू की ऐसी शब्दसंपदा उनके यहां है जो आम बोलचाल में नहीं मिलती।
Read Moreश्रीधराणी कला दीर्घा में चल रही सुनील यादव की कलाकृतियों की प्रदर्शनी इस सुखद विस्मय से भर देती हैं कि कैसे एक अपेक्षाकृत अत्यंत युवा कलाकार ने अपना एक विशिष्ट मुहावरा विकसित कर लिया है। कई बड़ी उम्र के कलाकार भी लंबे समय तक काम करने के बाद अपना मुहावरा विकसित नहीं कर पाते। ज्यादातर वे कई दिशाओं में भटकते रहते हैं। पर सुनील ने आरंभिक दिनो में वो पा लिया है। आरंभिक नजर में ही ये कला
Read Moreगाजियाबाद के सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल की विभिन्न शाखाओं में "हरित सप्ताह" का शुरुआत विभिन्न अभियानों से हुआ। नेहरू नगर शाखा के बच्चों ने अपनी नाटय प्रस्तुतियों के माध्यम से धरा, गंगा और पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करने का संदेश दिया। बच्चों में अपने संदेश में कहा कि गंगा नदी भारत की संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है। यह महज एक नदी नहीं है बल्कि जीवन दायिनी अमृतधारा है। जो मानव के
Read Moreगुवाहाटी के आरोहण ऑडिटोरियम में तबले की थाप और कथक के घुंघरुओं ने उस शाम समां बांध दिया जब प्रतिश्रुति फाउंडेशन ने अपने स्थापना दिवस के मौके पर संस्कृतिप्रेमियों को एक जगह इकट्ठा किया था। युवा तबलावादक ज़ुल्फ़िकार हुसैन ने जब तबले पर तीन ताल में अपनी उंगलियों का कमाल दिखाया तो सुनने वाले वाह-वाह कह उठे। ज़ुल्फ़िकार लखनऊ घराने के मशहूर तबलावादक उस्ताद अफ़ाक हुसैन खां के शिष्य है
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