महात्मा गांधी को देश अपने अपने तरीके से याद कर रहा है। तमाम सरकारी और निजी संस्थाएं भी उन्हें नमन कर रही हैं। लेकिन गांधी अपने तमाम रूपों में कलाकारों के लिए भी एक प्रिय पात्र रहे हैं। गांधी जी के व्यक्तित्व और दर्शन को केन्द्र में रखकर कलाकारों ने अलग अलग कालखंडों में अपनी अभिव्यक्ति की है। अपनी विशाल और अद्भुत मूर्ति शिल्पकला के लिए दुनियाभर में मशहूर हो चुके वयोवृद्ध कलाकार पद
Read Moreहिन्दी कविता की जो सुदीर्घ परम्परा है, उसकी समकालीन काव्य धारा के शीर्ष पर गोरख पाण्डेय है। एक तरफ उनमें जहां क्रान्तिकारी विचार की गहराई है, वहीं उनका शिल्प इस कदर तराशा हुआ है कि उसका सौदर्य देखते ही बनता है। जहां समकालीन कविता में मध्यवर्गीय बौद्धिक चिन्तन हावी है जिसका आम जनता से संवाद नहीं है, वहीं गोरख अकेले या अग्रणी कवि हैं जो संवाद करते हैं। इनके काव्य में सादगी है, अभिधा क
Read Moreदुनिया के मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के जन्मदिन के मौक़े पर आगरा और उत्तर भारत की जानी मानी सांस्कृतिक संस्था रंगलीला की ओर से 'जश्न-ए-फ़ैज़ 19' आने वाली 14 फ़रवरी की शाम 'सूरसदन' में होने वाला है। पिछले साल यानी 2018 में भी यह कार्यक्रम बेहद सफल हुआ था। और इस बार भी वैसी ही सजधज, गर्मजोशी और देश भर से आने वाले क़ाबिल उर्दू-हिंदी के क़ाबिल विद्वानों की गुफ्तगू के साथ इसका आयोजन किया जा रहा है
Read Moreदिल्ली के मयूर विहार फेज 1 के आनंद लोक में उनका घर है पूर्वाशा। अब वहां उनके न होने का सन्नाटा पसरा है। बीमार वो लंबे समय से थीं लेकिन आज यानी 25 जनवरी की सुबह उन्होंने हमेशा के लिए विदा ले लिया। अगले महीने 18 तारीख को कृष्णा सोबती 94 की होने वाली थीं, लेकिन उन्हें इस बात से नफ़रत थी कि कोई उन्हें बूढ़ा या बुज़ुर्ग कहे। आखिरी समय तक वो लिखती रहीं, देश के बारे में सोचती रहीं, सियासत के खेल से प
Read More94 साल की उम्र में कृष्णा सोबती का चले जाना एक युग के खत्म होने जैसा है। बहुत कम लोग जानते हैं कि कृष्णा सोबती ने कुछ कविताएं भी लिखी हैं। कुछ ऐसी कविताएं जिनसे उनके सत्ता और सरकारों के प्रति नाराज़गी भी झलकती है और उनके भीतर छिपी बेचैनी भी दिखती है। उनके उपन्यास, उनकी कहानियां और संस्मरण खूब चर्चा में रहे हैं। एक लंबी फेहरिस्त है उनकी किताबों की
Read Moreकरीब तीन दशक बाद गत सप्ताह गायकवाड़ी नगर बडौदा (आज बड़ोदरा) प्रवास का मौका मिला| पत्रकार सुरक्षा हेतु राष्ट्रीय कानून को लेकर गुजरात और महाराष्ट्र के दौरे पर गया था| कुल आधी सदीवाले अपने पत्रकारी जीवन का श्रेष्ठतम दौर यहीं गुजरा था| कवि जार्ज बायरन ने लिखा था कि सुखद स्मृतियों के मुकाबले दर्दभरी यादें अधिक स्थायी होती हैं| इसीलिए इस यात्रा में घनीभूत पीड़ा (प्रसाद की कामायनी वाली)
Read Moreभारतीय कला और लोक संस्कृति के विभिन्न आयामों को आगे बढ़ाने और कलाकारों को मंच देने के काम में जुटा किरण नादर म्युजियम ऑफ आर्ट (केएनएमए) फरवरी में तीन दिनों का चित्रकला महोत्सव करने जा रहा है। दिल्ली के साकेत में म्युजियम के परिसर में होने जा रहे इस महोत्सव में देश भर की लोक और आदिवासी कलाओं के तमाम रूपों को देखा जा सकेगा। देश के अलग अलग हिस्सों के कलाकार 8 से 10 फरवरी को होने वाले इस महो
Read Moreभारत में ग्रैफिटी कला अब एक नए रूप में सामने आ रही है। ग्रैफिटी यानी दीवारों पर बनाए जाने वाले विशाल चित्रों की श्रृंखलाएं या किसी थीम पर की जाने वाली वॉल पेंटिंग। प्रयागराज का अर्धकुंभ भी इस बार इस कला का गवाह बना है।
Read Moreकुंभ आपने पहले भी देखा होगा। इसके बारे में सुना होगा। तस्वीरों में और चैनलों पर देखा होगा। हर 12 साल में लगने वाले कुंभ की खासियत के बारे में जाना होगा। 2013 में पूर्ण कुंभ का नज़ारा भी देखा होगा और इस बार के अर्धकुंभ की शानदार झलक भी देख रहे होंगे। देश की संस्कृति का एक बेहतरीन आयाम देखने को मिलता है इस महाआयोजन में। इस बार उत्तर प्रदेश सरकार और यहां तक कि केन्द्र सरकार ने इस अर्धकुंभ को
Read Moreवरिष्ठ पत्रकार श्रीचंद्र कुमार पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के कुछ तीर्थ और पर्यटन स्थलों पर गए। मुख्य रूप से उनका मकसद गंगा सागर जाना था और वो वहां गए भी। लेकिन वहां जाने से पहले उन्होंने कई और धार्मिक स्थलों को घुमक्कड़ी और पत्रकार वाले अंदाज़ में देखा। पहले वो बंगाल के बीरभूम जिले के मशहूर तीर्थ तारापीठ गए फिर कोलकाता के शक्तिपीठ यानी काली मंदिर।
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