• शालिनी प्रिया सिन्हा (वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ)
घर या फ्लैट के कमरे, रसोईघर, पूजाघर, खिड़की, दरवाज़े और आलमारियां आदि के रख रखाव में दिशाओं का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। इसी कड़ी में हम आपको बताना चाहेंगे कि कैसे करीने से सजा हुआ घर आपके व्यक्तित्व में चार चांद लगा देता है। आज की नई पीढ़ी ड्राइंग रूम और लिविंग रूम को सजाने में काफी दिलचस्पी लेने लगी है। घर को सजाना कोई फैशन नहीं है, बल्कि एक जरूरत है।
दरअसल वास्तुदोष से बचने के लिए ये समझना ज़रूरी है कि आखिर वास्तुदोष है क्या? कल्पना कीजिए आप किसी शुभ कार्य से घर से बाहर निकले लेकिन इसमें तमाम तरह की अड़चनें आने लगीं, आप किसी दुर्घटना के शिकार हो गए या बनता हुआ काम बिगड़ गया। इसे आप कई तरह से देख सकते हैं। हो सकता है आप इसका कोई और कारण ढूंढ लें और इसे एक सामान्य घटना मान कर नज़अंदाज़ कर दें। एकाध बार तो आप ऐसा कर सकते हैं लेकिन अगर ज्यादातर मामलों में आप किसी भी काम में असफलता पा रहे हों या बाधाओं के शिकार हो रहे हों तो इसे क्या कहेंगे? एक और उदाहरण देखिए। आपने कोई मकान लिया और आप जबसे वहां गए लगातार बीमार रहने लगे, आप या आपके परिवार का कोई व्यक्ति किसी न किसी रोग या परेशानी का शिकार हो गया या लगातार कोई न कोई समस्या सामने आती रही। इसी तरह आर्थिक मामलों को लेकर भी आप परेशान रहने लगे। ऐसी तमाम बातें हैं जो आपको ये सोचने को मजबूर कर देती हैं कि कहीं ऐसा तो नहीं कि हम जहां रह रहे हैं वहां की आबोहवा में ही कोई समस्या है, या ये घर हमारे लिए मुश्किलों का सबब है? हो सकता है कि इस घर की दिशा ठीक नहीं, घर के दरवाजे सही दिशा में नहीं हैं या घर का कोई सामान सही जगह पर नहीं रखा है जिससे तमाम तरह की नकारात्मक ऊर्जा घर में भरी है। यही वास्तु दोष है और वास्तुशास्त्र इसी दोष को दूर करने के उपाय बताता है।
मानने वाले इसे भी अंधविश्वास या वहम मान सकते हैं लेकिन अगर घर में रखे सामानों की दिशा बदलने से या फिर दरवाज़े या खिड़कियों की दिशा वास्तुशास्त्र के नियमों के मुताबिक कर देने से आपके बिगड़े काम बनते हैं और आपके जीवन में खुशहाली आती है तो इस बदलाव को क्यों न गंभीरता से लिया जाए। दरअसल हर बदलाव के पीछे कोई न कोई तर्क होता है और वास्तुशास्त्र पूरी तरह तर्क और पौराणिक मान्यताओं पर आधारित है। दिशाओं का अपना आधार होता है और धूप, हवा, रोशनी के ज़िंदगी में बहुत मायने हैं।
आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देंगे जिससे आप अपने घर के वास्तुदोष को दूर कर सकते हैं — अपने घर में दीवारों पर सुन्दर, हरियाली से भरपूर और मन को खुश करने वाले चित्र लगाएं. इससे घर के मुखिया को मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। वास्तुदोष की वजह से यदि घर में किसी सदस्य को रात में नींद नहीं आती या स्वभाव चिड़चिड़ा रहता हो, तो उसे दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके सोना चाहिए। इससे उसके स्वभाव में बदलाव होगा और अनिद्रा की स्थिति में भी सुधार होगा। घर में सफाई के लिए रखी झाडू को रास्ते में न रखें. झाडू का बार-बार पैर से लगना या स्पर्श करना नुकसानदेह होता है। खासकर इससे आर्थिक मुश्किलें बढ़ती हैं। झाडू के ऊपर कोई वजनदार चीज़ भी नहीं रखें। अपने घर के ईशान कोण को साफ़ सुथरा और खुला रखें. इससे घर में सकारात्मकता रहती है और खुशी का वास होता है.
घर के सभी प्रकार के वास्तु दोष दूर करने के लिए मुख्य दरवाज़े पर एक ओर केले का पेड़ तो दूसरी ओर तुलसी का पौधा गमले में लगायें। अपने घर के उतर की दिशा में तुलसी का पौधा लगाएं। घर के मुख्य दरवाज़े पर स्वस्तिक का चिन्ह बनायें और जहाँ-जहां भी वास्तु दोष का अंदेशा है वहां भी यह चिन्ह बनाने से वास्तुदोष दूर हो जाता है। हल्दी को जल में घोलकर एक पान के पत्ते की मदद से अपने पूरे घर में छिडकाव करने से इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है तथा शांति भी बनी रहती है। अपने पूजा घर में देवताओं के चित्र भूलकर भी आमने-सामने नहीं रखने चाहिए इसे बड़ा दोष माना जाता है। अपने घर के मन्दिर में घी का एक दीपक नियमित जलाएं। सुबह और शाम तीन तीन बार शंख की ध्वनि करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर निकलती है। अपने रेफ्रिजरेटर को उत्तर या पश्चिम में रखें।
घर में किसी भी कमरे में सूखे हुए फूल न रखें। यदि छोटे गुलदस्ते में रखे हुए फूल सूख जाएं, तो नए फूल लगा दें और सूखे फूलों को निकालकर बाहर फेंक दें। अशुद्ध कपड़ों को घर के प्रवेश द्वार के बीच में नहीं रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार रसोईघर में देवस्थान नहीं होना चाहिए। गृहस्थ के बेडरूम में भगवान के चित्र अथवा धार्मिक महत्व की वस्तुएँ नहीं लगी होनी चाहिए। घर में देवस्थान की दीवार से शौचालय की दीवार का संपर्क नहीं होना चाहिए। इन कुछ सामान्य सावधानियों की बदौलत आपके घर और जीवन में काफी बदलाव आ सकता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।
अब हम बात करेंगे खासकर आपके शयनकक्ष यानी बेडरूम की। बेडरूम आपका वह स्थान जहां आप अपना सबसे ज्यादा समय बिताते हैं। पूरे दिन काम करने के बाद यहां आकर आपके शरीर और दिमाग को आराम और शांति मिलती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने के कमरे में कौन सी चीज़ कहां रखी जाए इसका खास ध्यान रखने की ज़रूरत है।
बेडरूम के लिए उपयुक्त दिशाएं:
• आपका सोने का कमरा, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता है, घर के दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम की ओर होना चाहिए। अगर ये कमरा ऊपरी मंजिल पर है तो इसकी दिशा दक्षिण पश्चिम के कोने में होनी चाहिए।
• बच्चों का कमरा उत्तर – पश्चिम या पश्चिम में होना चाहिए और मेहमानों के लिए कमरा (गेस्ट बेड रूम) उत्तर पश्चिम या उत्तर – पूर्व की ओर होना चाहिए। पूर्व दिशा में बने कमरे का इस्तेमाल बच्चों या मेहमानों के सोने के लिए किया जा सकता है।
• उत्तर – पूर्व दिशा में देवी – देवताओं का स्थान है इसलिए इस दिशा में कोई बेडरूम नहीं होना चाहिए। उत्तर – पूर्व में बेडरूम होने से धन की हानि , काम में रुकावट और बच्चों की शादी में देरी हो सकती है।
• दक्षिण – पश्चिम का बेडरूम स्थिरता और ज़रूरी मुद्दों को मज़बूती के साथ हल करने में फायदेमंद होता है।
• दक्षिण – पूर्व में बेडरूम अनिद्रा , चिंता , और वैवाहिक समस्याओं को जन्म देता है। दक्षिण पूर्व दिशा अग्नि कोण है जो गुस्से और हिंसा का प्रतीक है। शर्मीले और डरपोक बच्चे इस कमरे का इस्तेमाल कर सकते हैं। आक्रामक और क्रोधी स्वभाव के लोग इस कमरे में न रहें।
• उत्तर – पश्चिम दिशा वायु द्वारा शासित है और आवागमन से संबंधित है। इसे विवाह योग्य लड़कियों के बेडरूम के लिए अच्छा माना गया है। यह मेहमानों के कमरे के लिए भी बेहतर है।
• बेडरूम घर के बीचोबीच नहीं होना चाहिए, घर के इस हिस्से को वास्तु में ब्रह्मस्थान कहा जाता है। यह बहुत सारी ऊर्जा को आकर्षित करता है जोकि आराम और नींद के लिए लिए बने बेडरूम के लिए उपयुक्त नहीं है।
Posted Date:September 17, 2024
2:59 am Tags: Vastu Tips by Shalini Sinha, Directions according to Vastu