सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल के छात्रों का वीडियो ” ख्वाहिशें ” हुआ लांच
गाजियाबाद। सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में आयोजित अंतर विद्यालय एकल गीत गायन प्रतियोगिता में छात्रों ने अपनी अद्भुत प्रतिभा का परिचय दिया। कई बच्चों में गायन के प्रति अद्भुत समर्पण देखने को मिला। छात्रों में प्रतिभा प्रदर्शन की होड़ का ही नतीजा रहा कि निर्णायक को भी मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा। प्रथम तीन स्थानों पर इतनी जबरदस्त स्पर्धा थी की पुरस्कार दो दो विजेताओं को साझा तौर पर प्रदान किए गए। निष्का शर्मा और ऋषभ कौशिक ने सीनियर विंग में संयुक्त रूप से पहला स्थान हासिल किया। विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए स्कूल की डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. माला कपूर ने कहा कि मंच पर आप अपनी प्रस्तुति के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उसमें गुरु का मार्गदर्शन जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई प्रतिभागी पुरस्कार से इसलिए वंचित रह गए क्योंकि गीत के चयन में उन्होंने सहयोगियों पर अपने चयन को थोप दिया। उन्होंने कहा कि जीत का रास्ता हार के मार्ग से ही होकर जाता है।
सीनियर ब्रांच में आयोजित स्पर्धा दो सत्रों में चली। पहले सत्र का शुभारंभ सूफी भजन “दमादम मस्त कलंदर” से हुआ। इस सत्र में छठी से आठवीं तक के बच्चों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का शुभारंभ हिरेश ने गीत “ये शाम मस्तानी…” से किया। लक्ष्य त्यागी ने “अपनी तो जैसे तैसे गुजर जाएगी…” गीत से माहौल को मस्ती से सराबोर कर दिया। कार्तिक गुप्ता के गाए गीत “है अपना दिल तो आवारा..” को भरपूर सराहा गया। सूर्यांश श्रीवास्तव के गाए गीत “मैं कभी बतलाता नहीं मां..” ने माहौल मस्ती से बदलकर गमगीन कर दिया। इसके बाद राजशेखर ने “छोटा बच्चा जान के…” गीत से माहौल को एक बार फिर धमाल में बदल दिया। करण कुमार का गाया ” मेरा जूता है जापानी”, यशी वाजपेई का गाया “मैया यशोदा…”, कुशाग्र गुप्ता का गाया “एक हसीना थी…”, चैतन्य ग्रोवर का गाया “जब कोई बात बिगड़ जाए…” गीत भी भरपूर सराहे गए। राउंड आधार पर आयोजित प्रतियोगिता में यशी वाजपेई और कुशाग्र गुप्ता ने संयुक्त रूप से प्रथम, राजशेखर ने द्वितीय और लक्ष्य त्यागी ने तृतीय स्थान हासिल किया।
निर्णायक मंडल में शामिल तीनों सदस्य रित्विक दास, आकांक्षा त्यागी और कृष्णा गोयल सिल्वर लाइन स्कूल के पूर्व छात्र रहे हैं। इन तीनों ने ही संगीत को अपना कैरियर बनाया है। बच्चों का उत्साह वर्धन करते हुए आकांक्षा त्यागी ने कहा कि प्रतिभा निखार के हर छोटे-बड़े अवसर का भरपूर लाभ उठाओगे तो जीवन के कई अनजान रास्ते और सफलता की कई राहें खुद-ब-खुद खुल जाएंगी। रित्विक दास ने कहा कि उनका लक्ष्य निर्धारित था। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाने के बावजूद वह संगीत के प्रति आकृष्ट हुए और संगीत के साथ साथ ब्रॉडकास्टिंग को अपना कैरियर बना कर संतुष्ट हैं। कृष्णा गोयल ने कहा कि इसी स्कूल में पढ़ते हुए उन्हें कभी यह आभास नहीं था कि एक दिन उन्हें अपने ही स्कूल के छात्रों की प्रतिभा का आकलन करना होगा। अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए पूर्व छात्र नमन जैन ने छात्रों का आह्वान किया कि सिल्वर लाइन स्कूल छात्रों को अपनी प्रतिभा साबित करने का अवसर प्रदान करने के साथ-साथ स्कूल के आयोजनों में जज की कुर्सी पर बैठने के नए द्वार भी खोल रहा है।
सीनियर विंग में ऋषभ और पोगल दीप सिंह ने संयुक्त रूप से प्रथम, अनुष्का त्रिवेदी और अनमोल चौधरी ने संयुक्त रूप से द्वितीय, शैली कौशिक और पलक गुप्ता ने संयुक्त रूप से तृतीय, नीलांश व कनिष्का शर्मा ने सांत्वना पुरस्कार हासिल किया। इस अवसर पर पूर्व छात्रों आशुतोष, अभिषेक, ऋतिज्ञा और निक्की द्वारा निर्मित शॉर्ट फिल्म “ख्वाहिशें” का वीडियो भी रिलीज किया गया। इस अवसर पर आलोक यात्री, श्री दत्ता, नवीन, दर्शन सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे। स्कूल की वाइस प्रिंसिपल डॉ. मंगला वैद्य ने सभी का आभार व्यक्त किया।