साहित्य के महाकुंभ में शामिल हो रहे हैं कई दिग्गज साहित्यकार
साहित्य अकादमी के वार्षिक समारोह साहित्योत्सव का 12 फरवरी से आगाज हो गया। छह दिवसीय इस आयोजन के पहले दिन साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं को अवॉर्ड दिए गए। हिंदी के रमेश कुंतल मेघ समेत 24 लोगों को अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया। साहित्य प्रेमियों को उनसे रूबरू होने और सवाल पूछने का मौका भी मिला।
कमानी सभागार में आयोजित समारोह में साहित्य अकादमी के नवनियुक्त अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार और मुख्य अतिथि किरन नागरकर उपस्थित रहे। लेखकों ने मौजूदा दौर में ई-बुक्स, डिजिटल दुनिया व तकनीकी को लेकर चर्चा की। उन्होंने माना कि लेखकों की रचनाएं ज्यादा लोगों तक पहुंच रही हैं, लेकिन इसके बाद भी लोगों में पढ़ने की आदत खत्म हो रही है। बड़ी कहानी और लेख पढ़ने वाले कम हो रहे हैं। लेखकों ने कहा कि अब शॉर्ट स्टोरी का जमाना है।
उर्दू में साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले मोहम्मद बेग अहसास ने कहा कि तकनीकी का लेखकों को फायदा हुआ है। हमारी रचनाएं अब सीमित दायरे या भाषा में सिमटी नहीं हैं। हमारे पास तकनीकी में कई विकल्प हैं, जिससे हिंदी लेखन को दूसरी भाषा में बदलकर पढ़ सकते हैं।
इससे पाठकों का दायरा बढ़ा है। कश्मीरी भाषा में साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले अवतार कृष्ण रहबर ने कहा कि तकनीकी ने लोगों को पढ़ने की आदत खत्म कर दी है। लोग अब अखबार तक नहीं पढ़ रहे हैं। वह सिर्फ हेडिंग पढ़कर छोड़ देते हैं। लोग शॉर्ट स्टोरी पढ़ना चाहते हैं, वह भी तब, जब वह बेहतर हो और मोबाइल पर उपलब्ध हो। किताबें तो हाथों में दिखती ही नहीं हैं।
चंद्रशेखर कंबार चुने गए नए अध्यक्ष
साहित्योत्सव के साथ ही सोमवार को साहित्य अकादमी अध्यक्ष का चुनाव हुआ। सामान्य परिषद के 93 सदस्यों ने मतदान के जरिये चंद्रशेखर कंबार को नया अध्यक्ष चुना। उन्होंने प्रतिभा राय को पीछे छोड़ा। अध्यक्ष पद की दौड़ में कुल तीन लोग थे। चंद्रशेखर कंबार कन्नड़ भाषा के मशहूर लेखक हैं। सोमवार को ही उन्होंने अध्यक्ष पद का भार भी ग्रहण कर लिया। उपाध्यक्ष पद पर माधव कौशिक जीते।
(अमर उजाला की रिपोर्ट)
Posted Date:February 13, 2018
2:29 pm