भाषाई विविधता को बनाए रखना सबसे ज़रूरी- महेश दत्तानी 

 साहित्य अकादेमी पुरस्कार  2024 अर्पण समारोह संपन्न 

23 भाषाओं के रचनाकार हुए सम्मानित 

  

नई दिल्ली 8 मार्च। हिंदी की वरिष्ठ कवयित्री गगन गिल समेत 23 भारतीय भाषाओं के लेखकों को साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किये गए।

कमानी सभागार में एक गरिमापूर्ण समारोह में अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने श्रीमती गिल समेत सभी विजेताओं को यह सम्मान प्रदान किया।सम्मान में एक लाख रुपये की राशि प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह शामिल है। श्रीमती अनामिका के बाद दूसरी कवयित्री हैं जिन्हें यह सम्मान मिला।उंनको यह सम्मान उनके कविता संग्रह” जब तक मैँ आती बाहर” के लिए दिया गया।

साहित्य अकादेमी के साहित्योत्सव 2025 के दूसरे दिन कमानी सभागार में यह कार्यक्रम हुआ।

समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात अंग्रेजी नाटककार और रंग व्यक्तित्व महेश दत्तानी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अकादेमी के अध्यक्ष  माधव कौशिक ने की और समापन वक्तव्य अकादेमी की  उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में अपना संक्षिप्त वक्तव्य देते हुए महेश दत्तानी ने कहा कि लेखक शब्दों के कारीगर होते हैं और हमारे देश की भाषाई विविधता को बचाए रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। यह विविधता ही हमारी राष्ट्रीय पहचान भी है और इसको बनाए  और बचाए रखना भी जरूरी है। उन्होंने भारत की भाषाई समृद्धता का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्व में बहुत कम ऐसी जगह हैं जहां इतनी भाषाओं में इतने महत्वपूर्ण पुरस्कार या साहित्य समारोह आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने समारोह की  तुलना ऑस्कर से करते हुए कहा कि वहां की पहचान चकाचौंध है तो यहां की  पहचान  गरिमापूर्ण सादगी है।

उन्होंने इस भाषाई विविधता को बचाए रखने के लिए अनुवाद की महत्त्वपूर्ण  भूमिका को इंगित करते हुए इसे बढ़ाने  पर जोर दिया।

  अपने  अध्यक्षीय वक्तव्य में माधव कौशिक ने कहा कि हमें अकादेमी के 70 वर्ष के इतिहास पर गर्व करना चाहिए कि आज हम दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशन समूह में से एक हैं। किसी भी देश की पहचान भाषाई  विविधता को यहां संपूर्ण एकता के रूप में देखा जा सकता है । साहित्यकार को हमारे यहां प्रजापति  कहने की परंपरा है  क्योंकि वह समांतर संसार की रचना करता है। हमारे साहित्यकारों की संवेदना की परिधि बहुत व्यापक है और यह साहित्य उत्सव या यह पुरस्कार अर्पण समारोह भारतीय सृजनात्मकता का उत्सव है। अपने समापन वक्तव्य में साहित्य अकादेमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा ने कहा की रचनाकार एक साधक होता है और अपनी रचना प्रक्रिया में सब कुछ भूल कर कुछ समाज की  भलाई के लिए कई रंग बिखेरता है लेकिन उसमें सर्वश्रेष्ठ रंग  मनुष्यता का ही होता  है।

 इससे पहले अपने स्वागत वक्तव्य में अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कहा कि हर पुरस्कार लेखक को ताकत देता है और एक बड़े पाठक समाज से जोड़ता है। सच्चे साहित्यकार को उनकी सृजन यात्रा में यह पुरस्कार उन्हें नई ऊर्जा देते हैं।

समारोह में 22 साहित्यकारों को पुरस्कृत किया गया । कन्नड भाषा के के लिए पुरस्कृत रचनाकार नहीं आ सके।

 बंगला भाषा  का पुरस्कार घोषित नहीं किया गया था। डोगरी  का पुरस्कार उनकी बेटी ने लिया और अंग्रेजी का पुरस्कार उनके प्रतिनिधि ने ग्रहण किया । पुरस्कार अर्पण समारोह के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत प्रख्यात बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया के भतीजे राकेश चौरसिया का बांसुरी वादन प्रस्तुत किया गया।

— अरविंद कुमार की रिपोर्ट

Posted Date:

March 8, 2025

10:13 pm Tags: ,

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