साहित्य अकादेमी में लिथुआनियाई लेखक की कहानी का पाठ 

नई दिल्ली 31जनवरी 2025। साहित्य अकादेमी द्वारा आज  लिथुआनिया गणराज्य के दूतावास के संयुक्त तत्त्वावधान में  एक साहित्य संध्या का आयोजन किया गया जिसमें प्रख्यात लिथुआनियाई लेखक, दार्शनिक और साहित्यालोचक यारोस्लावस मेल्निकस ने अपने कहानी-संग्रह ‘द लास्ट डे’ की एक कहानी का पाठ किया। भारत में लिथुआनिया दूतावास की माननीया राजदूत महामहिम डायना मिकेविचियेने ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी का स्वागत साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने अंगवस्त्रम और साहित्य अकादेमी की पुस्तकें भेंट करके   किया।  अपने स्वागत वक्तव्य में  उन्होंने कहा कि सभी लेखक हमारे जीवन और आसपास के  अपने पर्यावरण से बने संबंधो को समझने की कोशिश करते हैं । इस प्रक्रिया के दौरान  हर लेखक इसे अलग अलग तरह से देखता और लिखता हैं।यारोस्लावस मेल्निकस  एक दार्शनिक और चिंतक होने के  कारण मानव अस्तित्व के सवाल भी उठाते रहे हैं और उन्होंने तकनीक के विकास से आधुनिक समाज में जो परिवर्तन आए हैं उनको  बहुत गंभीरता से महसूस करके लिखा है। वे इसका हमारे नैतिक आचरण पर क्या प्रभाव पड़ता है की भी पड़ताल करते हैं।
लिथुआनिया दूतावास की माननीया राजदूत महामहिम डायना मिकेविचियेने ने इस आयोजन के लिए  साहित्य अकादेमी का आभार प्रगट करते हुए कहा कि हमारा यह प्रयास रहेगा कि आगे भी  लिथुआनिया का साहित्य अनुवाद के जरिए भारत में  और भारत का साहित्य लिथुआनियाई भाषा में अनूदित होता रहे। यारोस्लावस मेल्निकस ने अपना परिचय देते हुए  कहा कि उनकी 15 पुस्तकें प्रकाशित हैं जिनका अंग्रेज़ी,जर्मन और फ्रेंच मैं अनुवाद हो चुका है। अभी हाल ही में उनकी कहानी पर बनी फीचर फिल्म भी वहां प्रदर्शित हुई है।  इसके बाद उन्होंने अपनी कहानी का एक अंश  लिथुआनियाई भाषा में पढ़ा जिसका अंग्रेज़ी अनुवाद महामहिम राजदूत ने प्रस्तुत किया । इसके बाद रेखा सेठी ने  क्या तुम मुझे माफ कर दोगे शीर्षक से पूरी कहानी का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया ।  कहानी  एक व्यक्ति द्वारा एक रात अचानक उसके घर में  घुसे एक नकाबपोश को गोली मार देने पर केंद्रित थी । इससे मृत व्यक्ति और स्वयं उसके परिवार  में हुए भावनात्मक बदलावों को दर्शाया गया था। मानवीय भावनाओं की  मार्मिक प्रस्तुति कहानी को विशिष्ट बनाती है। अंत  में उपस्थित पाठकों ने  लेखक से  कहानी आदि को लेकर अनेक सवाल जवाब भी किए।
(साहित्य अकादेमी की प्रेस विज्ञप्ति)
Posted Date:

January 31, 2025

9:08 pm

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