पीएम का रूट और रेणु जन्मशती कार्यक्रम की त्रासदी

रेणु पर केन्द्रित 10 पत्रिकाओं का विमोचन, फिल्म का प्रदर्शन

बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई जगहों पर हुए रेणु जन्मशती पर कई कार्यक्रम

नई दिल्ली। आंचलिक साहित्य को मुख्य धारा में स्थापित कर देने वाले कालजयी कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की जन्मशती पर बंद हॉल में आयोजित महत्वपूर्ण कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस रास्ते से गुजरने की वजह से अचानक बीच में रद्द करना पड़ा। गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित इस पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के दौरान उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब सुरक्षाकर्मियों ने बीच में आकर कार्यक्रम खत्म करने को कहा। कार्यक्रम में कथाकार मृदुला गर्ग, मैत्रेयी पुष्पा, कवि-कलाकार प्रयाग शुक्ल, कवि विमल कुमार समेत साहित्य जगत की कई जानी मानी हस्तियां मौजूद थीं। समारोह का आयोजन गांधी शांति प्रतिष्ठान,  राजेंद्र भवन, रजा फाउंडेशन और मैला आंचल ग्रुप ने किया था और अध्यक्षता की प्रयाग शुक्ल ने।

इससे पहले कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि आज के दौर में पहले से भी ज्यादा प्रासंगिक हैं। उनकी रचनाओं में जो परिवेश है, ग्रामीण अंचलों और सामाजिक परिस्थितियों का जो ताना बाना है और स्थानीय बोली और भाषा का जितना बेहतरीन इस्तेमाल है, वह अब नहीं मिलता। रेणु इकलौते ऐसे शब्द शिल्पी हैं जिनकी जन्मशती पर देश भर में पूरे एक साल तक निरंतर ऑनलाइन कार्यक्रम हुए, उनपर केन्द्रित दस से ज्यादा पत्रिकाएं निकलीं और उनकी जन्मशती पर उनके लेखन पर पुस्तकें भी आईं और फिल्म भी बनाई गई।

कार्यक्रम में प्रज्ञा तिवारी की ओर से संपादित रेणु प्रसंग और दस पत्रिकाओं का लोकार्पण किया। ये पत्रिकाएं हैं – पाखी, माटी, कथादेश, लमही, संवेद, सृजन सरोकार, बनास, प्रयाग पथ, जनपथ, सृजन लोक।

रेणु की कहानी ‘संवदियां’ पर बनी एक फिल्म कोलकाता की नीलांबर संस्था ने बनाई है जो आज उनके गांव पूर्णिया के औराही हिंगना में रिलीज़ हुई। आज के दौर के जाने माने कथाकार शिवमूर्ति के अमेठी जिले के गांव कुरंग में भी रेणु की जन्मशती पर दिनभर का आयोजन हुआ जिसमें भगवान स्वरूप कटियार, कौशल किशोर, वीरेन्द्र यादव समेत कई लेखक-साहित्यकार जमा हुए।

इससे पहले बुधवार को हैदराबाद विश्विद्यालय और इंदिरा गांधी मुक्त विश्विद्यालय ने रेणु पर दो दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया जिसका उद्घाटन राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने किया। इसमें देश भर के जाने माने आलोचक लेखक और रेणु साहित्य के अध्येताओं ने हिस्सा लिया।

Posted Date:

March 4, 2021

9:34 pm
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