उनका जाना बेशक मौजूदा दौर में शायरी की दुनिया में एक बहुत बड़े शून्य की तरह है… राहत इंदौरी साहब की अपनी खास अदा थी, पढ़ने का खास अंदाज़ था.. लेकिन जब वो पढ़ते थे तो बहुत सारे दर्द भी छलकते थे और ज़िंदगी की हकीक़त भी बयां होती थी.. किसे पता था कि अचानक कोरोना उन्हें भी इस तरह अपनी चपेट में ले लेगा और महज एक दिन में ही इंदौरी साहब ज़िंदगी की जंग हार जाएंगे। इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में उन्हें सोमवार को ही भर्ती कराया गया था, लेकिन मंगलवार को ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
दरअसल, राहत इंदौरी पॉजिटिव आने के बाद सोमवार को अस्पताल में भर्ती हुए थे। मंगलवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर खुद को पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी। साथ ही कहा था कि मुझे और मेरे परिवार को कोई फोन नहीं करेगा।
70 साल के राहत इंदौरी को पहले से भी कई तरह की बीमारियां थीं। उन्होंने शुगर और हार्ट की भी दिक्कत थी। वहीं, अरबिंदो अस्पताल के डॉक्टर विनोद भंडारी ने कहा है कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद उन्हें 2 बार दिल का दौरा पड़ा था। उसके बाद उनकी स्थिति बिगड़ती गई है। हम लोग उन्हें बचा नहीं सके। उन्हें 60 फीसदी निमोनिया था। डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें पहले से निमोनिया था।
7 रंग परिवार की तरफ से राहत इंदौरी को सादर नमन और श्रद्धांजलि…
उनकी चंद पंक्तियां पेश हैं…
तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे
जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे
Posted Date:
August 11, 2020
6:04 pm Tags: राहत इंदौरी, राहत इंदौरी का निधन, राहत इंदौरी नहीं रहे, शायर राहत इंदौरी, Rahat Indori, Rahat Indori no more