तबले की थाप और कथक के घुंघरुओं ने बांधा समां

गुवाहाटी के आरोहण ऑडिटोरियम में तबले की थाप और कथक के घुंघरुओं ने उस शाम समां बांध दिया जब प्रतिश्रुति फाउंडेशन ने अपने स्थापना दिवस के मौके पर संस्कृतिप्रेमियों को एक जगह इकट्ठा किया था। युवा तबलावादक ज़ुल्फ़िकार हुसैन ने जब तबले पर तीन ताल में अपनी उंगलियों का कमाल दिखाया तो सुनने वाले वाह-वाह कह उठे। ज़ुल्फ़िकार लखनऊ घराने के मशहूर तबलावादक उस्ताद अफ़ाक हुसैन खां के शिष्य हैं। वहीं राकेश मंडल ने कथक की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। उनके साथ तबले पर देबोजीत मिश्रा, हारमोनियम पर प्रबल डेका थे जबकि अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा सत्यसंधा हज़ारिका ने। आकाशवाणी और दूरदर्शन से जुड़े  शांतनु बिस्वास ने राग पुरिया कल्याण में अपने गायन और भजन से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके साथ हारमोनियम पर थे दीपेन शर्मा और तबले पर संगत दी सुब्रत चक्रवर्ती ने।

प्रतिश्रुति फाउंडेशन हर साल 27 जुलाई को अपना स्थापना दिवस मनाता है। यह फाउंडेशन लंबे समय से असम और उत्तर पूर्वी राज्यों में शास्त्रीय संगीत के साथ साथ संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कई कार्यक्रम करता रहा है। फाउंडेशन के अध्यक्ष सिद्धार्थ दास इसे एक मिशन की तरह आगे बढ़ा रहे हैं। इस बार के कार्यक्रम में असम सरकार के संस्कृति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मानस दास और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के क्षेत्रीय निदेशक एन मुनीष सिंह, स्टेट बैंक दिसपुर के एजीएम सुभाशीष सेनगुप्ता और मशहूर तबलावादक पवन बोरदोलोई खास मेहमान थे।

फाउंडेशन ने इस मौके पर शास्त्रीय संगीत में शानदार योगदान के लिए सुकुमार बारठाकुर को लाइफ टाइम एचीवमेंट सम्मान से नवाज़ा। इसके अलावा शंकर देव नेत्रालय के डॉक्टर दीपंकर दास और फिजियोथेरापिस्ट मृगेन्द्र शर्मा, कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने वाली फॉम्पी राय समेत प्रिंट और टीवी के कुछ पत्रकारों मनीष गोस्वामी, दीपशिखा डेका और रितुल भागाबती को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। नम्रता शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया जबकि फाउंडेशन के उपाध्यक्ष मृत्युंजय शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

Posted Date:

August 1, 2019

10:05 pm Tags: , , , ,
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