NSD का “आदि रंग महोत्सव ” 21 से 23 मार्च तक

 


नई दिल्ली, 19 मार्च: नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) का सातवां “आदि रंग महोत्सव 21 से 23 मार्च तक होने जा रहा है। यह भारत की आदिवासी समुदायों की कला, संस्कृति और धरोहर का उत्सव है। आदि रंग महोत्सव रंगमंच, संगीत, नृत्य, सेमिनार और शिल्प का एक जीवंत संगम है जिसमें लगभग 300 आदिवासी कलाकार होंगे। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक चित्तरंजन त्रिपाठी ने बताया है कि महोत्सव में 13 राज्यों से 15 नृत्य और संगीत प्रस्तुतियाँ तथा 11 राज्यों से आदिवासी शिल्पकला का प्रदर्शन किया जाएगा।

महोत्सव के दौरान दो शानदार रंगमंच प्रस्तुतियाँ होंगी। झारखंड से ‘बीर बिरसा’ आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की विरासत को पेश करेगी, वहीं ओडिशा से ‘बाना गुड़ा’ साहस और लोककथाओं का जादुई चित्रण पेश करेगी। महोत्सव में विभिन्न राज्यों से नृत्य, संगीत और शिल्पकला का भी प्रदर्शन होगा।
असम से राबा नृत्य और असमी हस्तशिल्प, आंध्र प्रदेश से गुस्सादी नृत्य और चमड़े की कठपुतलियाँ, अरुणाचल प्रदेश से जूजू जाजा और रिकम पदा नृत्य, गुजरात से सिद्दी धमाल और पधार नृत्य, इसके अतिरिक्त गुजरात अपना पैचवर्क, तांबे की घंटियों और मनके के काम प्रस्तुत करेगा।

हिमाचल प्रदेश से किननूरी नाट नृत्य, झारखंड से पारंपरिक पाईका, मर्दानी और झोमेरा प्रदर्शन, मध्य प्रदेश से गुदुम बाजा और पारंपरिक हर्बल तुलसी उत्पाद, बेल मेटल भरेवा कला, साथ ही पेपर मैशे और रेत शिल्प देखने को मिलेगा।

महाराष्ट्र से सोन्गी मुखवटे नृत्य और तार शिल्प कारीगरी, राजस्थान से चक्री नृत्य और चमड़े के जूते, नागालैंड से वॉर डांस, ओडिशा से दुरुआ और सिंगरी नृत्य, त्रिपुरा से सांग्राई मोग नृत्य, पश्चिम बंगाल से नटुआ नृत्य के साथ पारंपरिक बंगाल बुटीक आभूषण, मिट्टी की गुड़िया और संथाल अनुष्ठान कलाकृतियाँ देखने को मिलेंगी ।

तेलंगाना से एकत साड़ी और उत्तर प्रदेश से सींग और हड्डी का शिल्प प्रदर्शित किया जाएगा।

चितरंजन त्रिपाठी ने बताया , “आदि रंग महोत्सव केवल कला और संस्कृति का उत्सव नहीं है, यह भारत के आदिवासी समुदायों और प्रकृति के बीच गहरे संबंधों को दिखाने का एक अवसर है। इस महोत्सव के माध्यम से हम इन विशिष्ट परंपराओं को सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि लोग इन्हें समझें और सराहें।”

,उन्होंने बताया कि महोत्सव के दौरान मास्टर क्लास और राष्ट्रीय सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे, जहां आदिवासी कला, संस्कृति और थिएटर पर विशेषज्ञों द्वारा गहरी जानकारी दी जाएगी, ताकि इन परंपराओं की समृद्ध धरोहर को और बेहतर तरीके से समझा जा सके।

अरविंद कुमार की रिपोर्ट

Posted Date:

March 19, 2025

6:59 pm Tags: , ,

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