साहित्य में गहरा शून्य छोड़ गए पद्मश्री मनु शर्मा

कृष्ण को समझना है तो मनु शर्मा का उपन्यास ‘कृष्ण की आत्मकथा’ पढ़िए

जाने माने साहित्यकार मनु शर्मा अपने पीछे साहित्य की एक ऐतिहासिक विरासत छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए। वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर उन्हें अंतिम विदाई देने वालों की आंखें नम थीं। पद्मश्री मनु शर्मा को पौराणिक कथाओं और पात्रों को आधुनिक संदर्भ में उपन्यासों-कहानियों के जरिए जीवंत करने वाला हिंदी साहित्य का पुरोधा माना जाता था। 89 वर्षीय शर्मा ने वाराणसी के बड़ी पियरी स्थित आवास पर 8 नवंबर की सुबह अंतिम सांस ली। उन्होंने डेढ़ दर्जन उपन्यासों के अलावा सौ से अधिक कहानियां और सात हजार से अधिक कविताओं का साहित्य संसार रचा था।

‘कृष्ण की आत्मकथा’ उनका सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यास है। आठ खण्डों में  प्रकाशित इस उपन्यास को हिन्दी का सबसे बड़ा उपन्यास माना जाता है। 2015 में उल्लेखनीय साहित्य सेवाओं के लिए केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मश्री से अलंकृत किया था। उन्हें सपा सरकार के कार्यकाल में यश भारती से भी सम्मानित किया गया था। मनु शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में स्वच्छता अभियान के प्रथम नवरत्न थे। उनके निधन की जानकारी मिलते ही साहित्य जगत में शोक की लहर छा गई।


शर्मा के भतीजे तुषार शर्मा ने बताया कि ताऊ जी के लिए एक सहायक रखा गया था। उसने भोर में चार बजे आवाज लगाई तब तक वह ठीक थे। सुबह छह बजे जब वह पानी देने उनके कक्ष में पहुंचा और जगाने लगा तो वह नहीं उठे। जानकारी होने पर बड़े पुत्र शरद शर्मा ने शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल से चिकित्सक को बुलाया। जांच के बाद चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
निधन की सूचना के बाद परिवार वालों ने नोएडा में रहने वाले छोटे पुत्र वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा और भोपाल में रहने वाली छोटी बेटी दिव्या शर्मा को जानकारी दी। हाल ही में उन्होंने महमूरगंज स्थित निजी अस्पताल में डॉक्टरों के साथ अपना जन्मदिन मनाया था।

मनु शर्मा की रचनाएं, सम्मान और अलंकरण
जन्म: 1928 की शरद पूर्णिमा पर अकबरपुर (अंबेडकरनगर)
शिक्षा: काशी हिंदू विश्वविद्यालय
रचनाएं: ‘तीन प्रश्न’, ‘राणा सांगा’, ‘छत्रपति’, ‘एकलिंग का दीवान’ ऐतिहासिक उपन्यास हैं। ‘मरीचिका’, ‘विवशता’, ‘लक्ष्मण रेखा’, ‘गांधी लौटे’ सामाजिक उपन्यास। ‘द्रौपदी की आत्मकथा’, ‘कर्ण की आत्मकथा’, ‘कृष्ण की आत्मकथा’, ‘गांधारी की आत्मकथा’, ‘द्रोण की आत्मकथा’, ‘अभिशप्त कथा’ पौराणिक उपन्यास । ‘पोस्टर उखड़ गया’, ‘मुंशी नवनीत लाल’, ‘महात्मा’, ‘दीक्षा’ कहानी संग्रह । ‘खूंटी पर टंगा वसंत’ कविता संग्रह। ‘उस पार का सूरज’ निबंध संग्रह।
सम्मान और अलंकरण:  गोरखपुर विश्वविद्यालय से डी.लिट की मानद उपाधि, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का लोहिया साहित्य सम्मान, केंद्रीय हिंदी संस्थान का सुब्रमण्यम भारती पुरस्कार, उत्तर प्रदेश सरकार का सर्वोच्च सम्मान यश भारती सम्मान, साहित्य के लिए मध्य प्रदेश सरकार का मैथिली शरण गुप्त सम्मान और  2015 में पद्मश्री सम्मान।

साहित्यकार मनु शर्मा की कुछ और तस्वीरें ….

मोदी के स्वच्छता अभियान के दौरान झाड़ू लेकर सफाई का प्रतीकात्मक संदेश

सर्दी की एक सुबह

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परिवार और शुभचिन्तकों के बीच

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Posted Date:

November 10, 2017

2:02 pm Tags: , , , , ,
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