अलविदा… मन्नू भंडारी

हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का निधन हो गया. वह 90 वर्ष की थीं. ‘महाभोज’ और ‘आपका बंटी’ जैसी कालजयी रचनाओं की लेखिका मन्नू भंडारी ने सोमवार की सुबह अंतिम सांस ली. मन्नू भंडारी के पिता सुख सम्पतराय भी जाने माने लेखक थे. वर्तमान में वह गुडगांव में अपनी बेटी रचना यादव के पास रहती थीं. वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं. रचना यादव प्रसिद्ध डांसर हैं. पिता राजेंद्र यादव की मृत्यु के बाद हंस पत्रिका का संचालन और प्रबंधन रचना यादव ही कर रही हैं. मन्नू भंडारी ने हिंदी साहित्य जगत को एक से बढ़कर एक रचनाएं दीं. प्रसिद्ध निर्देशक बासु चटर्जी ने उनकी कहानी ‘यही सच है’ पर 1974 में ‘रजनीगंधा’ फिल्म बनाई गई. मन्नू भंडारी का रचना संसार बहुत व्यापक है। उनकी प्रमुख रचनाएं हैं ..

कहानी-संग्रह :– एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर, यही सच है, त्रिशंकु, श्रेष्ठ कहानियाँ, आँखों देखा झूठ, नायक खलनायक विदूषक।

उपन्यास :– आपका बंटी, महाभोज, स्वामी, एक इंच मुस्कान और कलवा, एक कहानी यह भी।

पटकथाएँ :- रजनी, निर्मला, स्वामी, दर्पण।

नाटक :– बिना दीवारों का घर।

उन्हें हिन्दी अकादमी, दिल्ली का शिखर सम्मान, बिहार सरकार, भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, व्यास सम्मान और उत्तर-प्रदेश हिंदी संस्थान जैसे सम्मानों से नवाज़ा गया था।

एनसीईआरटी के सौजन्य से 7 रंग ने मन्नू भंडारी का यह इंटरव्यू साभार निकाला है… दो कड़ियों का यह इंटरव्यू ज़रूर देखें… कृपया लिंक पर क्लिक करें…

https://www.youtube.com/watch?v=XcLCYDa3edU

https://www.youtube.com/watch?v=HkL53R-dsL4

 

Posted Date:

November 15, 2021

7:56 pm Tags: , , , , ,
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