महाकुंभ में समुद्रमंथन
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 144 साल बाद हो रहे महाकुंभ में “भारंगम” (भारतीय रंग महोत्सव) के  एक नाटक ने लोगों का दिल जीत लिया। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी द्वारा निर्देशित नाटक “समुद्रमंथन ” पिछले दिनों देश विदेश से आये लोगों के  लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। गत वर्ष भारंगम का  उद्घाटन इसी नाटक से  हुआ था।
 
यह नाटक केवल आम आदमी को ही नहीं बल्कि राजनेताओं को भी पसंद आ रहा है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत  ने महाकुंम्भ में इस नाटक का उद्घाटन किया। उन्होंने इस नाटक का आनंद  भी लिया।
एनएसडी रंगमंडल के प्रमुख राजेश सिंह  केअनुसार एनएसडी के निदेशक “भारंगम” में व्यस्त होने के कारण प्रयागराज के महाकुंभ में नहीं जा सके। उन्होंने ही इस नाटक का संगीत भी दिया है। इस नाटक में कलाकारों के साथ करीब  100 लोगों की टीम गयी थी जिसमें 25 महिलाएं थी।
18 जनवरी से 24 जनवरी तक हर रोज यह नाटक शाम को खेला गया जिसे काफी सराहा गया। राजेश कुमार सिंह का कहना है कि हजारों लोग इस नाटक को देखने आते थे और पूरे नाटक के दौरान बैठे रहते थे। नाटकों के प्रति कस्बों और छोटे शहरों में अभी भी क्रेज है। अगर नाटक अच्छे हों तो दर्शक आते हैं। राजेश सिंह ने ही इस नाटक का सेट डिज़ाइन किया है।
 दिल्ली जैसे महानगरों में सबकी व्यस्तता और दूरी के कारण भी लोग नाटक नहीं देख पाते हैं। लेकिन महानगर से दूर नाटक की हालत उतनी बुरी है। महाकुंभ में लोगों को जुटाना नहीं पड़ता। दर्शक खुद आते हैं। भारतीय संस्कृति से जुड़े होने के कारण पौराणिक संदर्भों वाले इस नाटक में लोगों की अधिक दिलचस्पी है।
(अरविंद कुमार की रिपोर्ट)
Posted Date:

January 27, 2025

7:15 pm Tags: , ,

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