मिनिएचर कैंप में कला के कई आयाम…

नेशनल मिनीअचर कैम्प का आयोजन

लघु चित्रकलाएं उन कलाओं में से एक है जिनका सीधा सम्बन्ध हमारी लोक कला और संस्कृति से है। लघुचित्र कलाएँ भारत की धरोहर रही हैं चाहे वो राजस्थानी हो, कांगड़ा हो या पहाड़ी। लघु चित्रकला भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो सदियों से हमारी सांस्कृतिक विरासत को अपने में सजोये हुए है।

इसी विरासत को संजोने और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए ललित कला अकादमी समय समय पर कार्यक्रमों के ज़रिये प्रयास करती रहती है। इसी कड़ी में पर्यावरण पर्व के उपलक्ष में नेशनल मिनीअचर कैम्प का आयोजन किया जा रहा है।

नेशनल मिनीअचर कैम्प ललित कला आर्ट गैलरी में 25 अक्टूबर से शुरू हो गया है। यह मिनीअचर कैम् 31 अक्टूबर तक चलेगा। कार्यक्रम का शुभारम्भ ललित कला अकादमी के प्रशासक सी एस कृष्ण सेट्टी ने दीप प्रज्वलित करके किया।

इस मौके पर सेट्टी ने कहा कि, “लघु चित्रकलाएं हमारे इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा होने के साथ साथ पुरातन काल से लोक कथाओं और संस्कृति को जनमानस तक पहुंचाने का माध्यम रही हैं। हमारे यहाँ सदियों से इस तरह की चित्रकारी हो रही है, विश्व में कहीं भी लघु चित्रकला इतनी समृद्ध नहीं है जितनी भारत में है। आज हमें अपनी इस अनमोल विरासत को बचाये रखने के साथ साथ इसको आगे बढ़ाने और नयी पीढ़ी तक पहुंचने का काम करना होगा। ललित कला अकादमी इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन पहले भी करती रही है और आगे भी करती रहेगी।”

इस कैम्प में पहाड़ी शैली के सोम तमांग और अनिल राणा, कांगड़ा शैली के गुरप्रीत सिंह मनकू, नितिन कल्याण, माया जैसवाल और विशाल, विजयनगर शैली के एम वि कमबर, बसोली शैली के परीक्षित शर्मा और मेसूर शैली के शिवा कुमार जैसे कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। जो इन पांच दिनों में अपनी अपनी शैली में चित्रकारी करेंगे।

विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्र छात्राएं भी इन सभी कलाकारों को सामने से पेंटिंग बनाते हुए देखेंगे। साथ ही उन कलाकारों से इस विषय  पर सीधे संवाद भी कर सकेंगे ताकि वो भी इस धरोहर के बारे में जान पाए और इनसे जुड़ें।

(ललित कला अकादमी की प्रेस विज्ञप्ति)

Posted Date:

October 26, 2017

2:43 pm Tags: , , , ,
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