महात्मा गांधी को देश अपने अपने तरीके से याद कर रहा है। तमाम सरकारी और निजी संस्थाएं भी उन्हें नमन कर रही हैं। लेकिन गांधी अपने तमाम रूपों में कलाकारों के लिए भी एक प्रिय पात्र रहे हैं।
गांधी जी के व्यक्तित्व और दर्शन को केन्द्र में रखकर कलाकारों ने अलग अलग कालखंडों में अपनी अभिव्यक्ति की है। अपनी विशाल और अद्भुत मूर्ति शिल्पकला के लिए दुनियाभर में मशहूर हो चुके वयोवृद्ध कलाकार पद्मभूषण से सम्मानित राम सुतार से लेकर नवोदित कलाकारों तक के लिए गांधी जी हमेशा से एक आदर्श रहे हैं।
दिल्ली की ललित कला अकादमी में लगाई गई 75 कलाकारों की प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान राम सुतार जी भावुक भी हुए और गांधी जी के प्रति अपनी श्रद्धांजलि कुछ इस तरह पेश की – बचपन से ही गांधी जी ने अपने विचारों से मुझे प्रभावित किया और 1948 में मुझे पहली बार गांधी जी की मूर्ति बनाने का मौका मिला। संसद भवन से लेकर तमाम जगहों पर मेरी बनाई मूर्तियां हैं और मुझे आज भी उन्हें अपनी शिल्प में उतारने में अच्छा लगता है। तमाम कलाकार गांधी जी पर काम कर रहे हैं और यह प्रदर्शनी उसी की एक मिसाल है।
‘महात्मा गांधी एंड वर्ल्ड पीस’ के नाम से चल रही इस प्रदर्शनी में गांधी जी के अलग अलग रंग देखने को मिलते हैं। संस्कृति मंत्री महेश शर्मा, अकादमी के अध्यक्ष और जाने माने कलाकार उत्तम पचारणे और तमाम कलाकारों की मौजूदगी में शुरू हुई यह प्रदर्शनी 12 फरवरी तक चलेगी। प्रदर्शनी का आयोजन मुंबई के मशहूर जेजे कॉलेज ऑफ आर्ट के सहयोग से हो रहा है और इसमें खास तौर पर गांधी जी की विश्व शांति की परिकल्पना को अलग अलग तरीके से दिखाने की कोशिश की गई है।
Posted Date:January 30, 2019
6:35 pm