325 स्टॉल्स, करीब एक हजार कलाकार। कला, नृत्य, संगीत और रंगकर्म का बेहद खूबसूरत संगम…इन बेहतरीन यादों के साथ
पहला अंतर्राष्ट्रीय कला मेला खत्म हो गया। इस मेले में यूरोप, पैन एशिया और अफ्रीका से आए कलाकारों ने अपने देश की कला और संस्कृति से जुड़ी बेजोड़ प्रस्तुतियां दीं। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में ललित कला अकादमी की ओर से आयोजित 15 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कला मेले में एक लाख से ज्यादा कला प्रेमियों ने शिरकत की।
मेले में श्रीलंका के कलाकारों ने लोक नृत्य प्रस्तुत किया, तो नॉर्वे और पुर्तगाल के कलाकारों ने अलग-अलग दिन अपने वायलिन वादन से लोगों का मन मोह लिया। हंगरी के कलाकार नोर्बेर्ट केल के पियानो वादन ने जमकर तालियां बटोरीं। मेले में सबसे खास रहा वर्ल्ड एथनिक म्यूजिक एन्सेम्बल जिसमें पांच देशों के कलाकारों ने हिन्दुस्तानी शास्त्रीय, पश्चिमी लोक संगीत, और जैज़ बजाया। यूनाइटेड किंगडम के एक समूह ने चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कृति ‘उसने कहा था’ का बेहद भव्य नाट्य रुपांतरण पेश किया।
अंतर्राष्ट्रीय कला मेला एक प्रदर्शनी स्थल से कहीं ज्यादा कला-प्रयोगशाला के रूप में नज़र आया, जहां चित्रकारी, मूर्तिकला, वास्तुशिल्प सरीखी कलाओं के तमाम रूप नजर आए। इन कलाओं से जुड़ी कई कार्यशालाएं भी आयोजित की गयीं। कई उभरते हुए कलाकारों ने इन कार्यशालाओं में हिस्सा लिया। इस दौरान कई अंतर्राष्ट्रीय फिल्में भी प्रस्तुत की गईं।
अंतर्राष्टीय कला मेले को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए ललित कला अकादमी के प्रशासक सी.एस. कृष्ण सेट्टी ने इसे एक सपने के सच होने जैसा कहा। उनके मुताबिक इसके जरिये कला के लगभग हर फ़लक को छूने की कोशिश की गई और इस दौरान जो प्रतिक्रियाएं मिलीं वो उत्साहित करने वाली हैं। सेट्टि ने उम्मीद जताई कि इस पहल के बाद आगे भी ऐसे और बेहतर आयोजन होते रहेंगे।
Posted Date:February 18, 2018
10:06 pm Tags: lka, ललित कला अकादमी, kala mela, कला मेला, IGNCA, International Kala Mela