आस्था का यह रंग भी देखिए…

भोले के दीवाने, रुकना ना जानें…

सावन आया नहीं कि शिवभक्तों की टोली पूरी मस्ती के साथ अपने खास अंदाज़ में सड़कों पर उतर पड़ी। यह हर साल का नज़ारा है। जहां भी शिव का जाना माना मंदिर है, वहां शिवभक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। पैदल चलकर दूर दूर से गंगाजल लाते हैं, बड़े बड़े कांवड़ उठाते हैं और तरह तरह की झांकियां निकालते हैं। मोटरसाइकिलों पर सवार आखिरी दिनों में डाक कांवड़ के तौर पर गंगाजल लाकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। सावन की शिवरात्रि वो आखिरी दिन होता है जब यह यात्रा अपना मुकाम पूरा करती है। कांवड़ यात्रा में परंपरा और संस्कृति के तमाम रंग बिखरे होते हैं। बेशक कांवड़ियों के नाम पर हुड़दंगियों की भी एक बड़ी फौज होती है, लेकिन आस्था के नाम पर और इनके अनजाने आतंक की वजह से कोई कुछ बोलता नहीं। कांवड़ियों के कई अप्रिय किस्से भी हैं, अपने देश में अंधी आस्था के नाम पर बड़ी बड़ी सियासत चलती रही है, सत्ता का खेल चलता रहा है, इसके बावजूद कांवड़ यात्रा या कांवड़िये उत्तर भारत की संस्कृति में रचे बसे से लगते हैं। फिलहाल हम आपको कांवड़ यात्रा की कुछ रंग बिरंगी तस्वीरें दिखाते हैं। गाज़ियाबाद के युवा छायाकार अनिल बराल  ने इस मौके को अपने कैमरे में कैसे कैद किया, आप भी देखिए….

  

 

 

Posted Date:

August 8, 2018

9:34 pm Tags: , , ,
Copyright 2024 @ Vaidehi Media- All rights reserved. Managed by iPistis