युवा लेखन में पहले से कहीं ज्यादा गंभीरता दिखती है – वाजपेयी

युवा लेखक ज़िम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं और अपने लेखन में मौजूदा समय को दर्ज़ करें – अशोक वाजपेयी

मशहूर कवि, लेखक और  संस्कृतिकर्मी  अशोक वाजपेयी ने कहा है कि इस बार युवा कार्यक्रम में महिला वक्ताओं ने ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है और उन्होंने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। वाजपेयी ने रज़ा फाउंडेशन की ओर से आयोजित युवा कार्यक्रम के तहत हिंदी की यशस्वी लेखिका कृष्णा सोबती के  जन्मशती समारोह  के मौके पर यह बात कही।

उन्होंने बताया कि यह  सातवां युवा समारोह है और अब तक 200 से अधिक युवा लेखकों  ने इसमें हिस्सा लिया। इस बार 35 लेखकों  ने भाग लिया और कई वरिष्ठ लेखकों ने पर्यवेक्षक के रूप में भी भाग लिया। उन्होंने बताया कि यह हिंदी का ही नहीं किसी भी भारतीय भाषा का युवा लेखकोँ का सबसे बड़ा समारोह है।

उन्होंने अपने समापन वक्तव्य  में कहा कि  शुरू के युवा कार्यक्रमों  में उन्हें युवा लेखकों से बहुत शिकायत रही क्योंकि वे तैयारी करके आते नहीं थे, पढ़ते  नहीं थे और  उनक़ा  प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता क्योंकि  वे वह अपनी पुरानी पीढ़ी से परिचित भी नहीं थे। ऐसा लगता था जैसे उन्होंने कुछ नहीं पढ़ा हो लेकिन अब धीरे-धीरे इन युवा लेखकों  ने  तैयारी की है और इस बार पहले की तुलना में उनका प्रदर्शन अच्छा है। लेकिन इस बार तो महिला वक्ताओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है।

वाजपेयी ने रज़ा फाउंडेशन के कामकाज का लेखा-जोखा पेश करते हुए बताया कि उन्हें  हर साल फाउंडेशन की ओर दो करोड़ रुपये खर्च करने होते हैं और वे  80 कार्यक्रम करते हैं। लेकिन केवल साहित्य के नहीं बल्कि अन्य कलाओं के भी। उन्होंने यह भी बताया कि पहले हमारी  100 जीवनियां छापने की योजना थी लेकिन अब तक करीब 200 जीवनियां  छप चुकी हैं। इतना ही नहीं अभी कुछ और जीवनियां आनी हैं।

उन्होंने यह बताया कि उस्ताद करीब खान और संयुक्ता पाणिग्रही आदि की भी जीवनियां  अब आ गई हैं। वाजपेयी ने कृष्णा सोबती को एक सजग और साहसी लेखिका बताते हुए कहा कि उन्होंने उनक़ा नाम पद्म पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया था। जब गृह मंत्रलाय से उन्हें फोंन आया बॉयोडाटा के लिए तो कृष्णा जी ने मुझे फोंन किया कि वह कोई पद्म पुरस्कार नहीं लेना चाहतीं। तब मैंने तत्कालीन संस्कृति सचिव जवाहर सरकार को सूचित किया कि उनके नाम पर पुरस्कार के लिये विचार न हो क्योंकि कृष्णा जी उसे लौटा देंगी तो सरकार की फजीहत हो जाएगी।

वाजपेयी ने युवा लेखकों को भी एक नागरिक की भूमिका निभाने औऱ अपने लेखन में समय को दर्ज  करने की सलाह दी।

7 रंग के लिए रज़ा फाउंडेशन के युवा कार्यक्रम से अरविंद कुमार की रिपोर्ट

Posted Date:

February 21, 2025

9:46 am Tags: , , , ,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright 2024 @ Vaidehi Media- All rights reserved. Managed by iPistis