नाटकों का महाकुंम्भ भारंगम अब विदेश में भी


राजपाल यादव बने भारत रंग महोत्सव के रंगदूत


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दिल्ली से अरविंद कुमार की रिपोर्ट 
नई दिल्ली। वसुधैव कुटुंबकम का संदेश फैलाने के लिए दुनिया में नाटकों का सबसे बड़ा आयोजन “भारत रंग महोत्सव “(भारंगम) इस साल 28 जनवरी से शुरू होगा और बीस दिनों तक चलेगा और पहली बार देश से बाहर विदेश की धरती पर भी होगा।


प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता एवम एनएसडी के पूर्व छात्र राजपाल यादव इस साल भारंगम के “रंगदूत” बनाये गए हैं। उन्होंने ऑनलाइन संदेश में कहा कि इस भारंगम का दुनिया मे झंडा फहराकर इस को कान फिल्म समारोह की तरह बनाया जाएगा। उन्होंने भारंगम के लिए अपनी ओर से एक लाख 11 रुपए की सहयोग राशि देने की घोषणा की।
पिछले 25 वर्षों से हो रहे इस महाकुंम्भ के तहत देश के 11 शहरों में 200 नाटक होंगे। भारंगम का उद्घाटन “रंगसंगीत “ से होगा। इस वर्ष प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर समावेशी रंगमंच के तहत यौनकर्मी ट्रांसजेंडर औऱ बच्चे तथा वरिष्ठ नागरिक भी रंगमंच में भाग लेंगे।
इसके अलावा इस वर्ष श्रीलंका की राजधानी कोलंबो और नेपाल की राजधानी में भी नाटक होंगे।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हम दुनिया का सबसे बड़ा थिएटर फेस्टिवल करते हैं और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स ने हमें इसका एक प्रमाण पत्र भी दिया है। उन्होंने पत्रकारों को वह सर्टिफिकेट भी दिखाया।
उन्होने बताया कि इस महाकुंम्भ के लिए 200 नाटकों का चयन 90 सदस्यों वाली ज्यूरी ने किया है। ये नाटक दिल्ली, भोपाल, अगरतला, जयपुर, गोरखपुर, रांची, पटना, भटिंडा, बेंगलुरु, अहमदाबाद और गोआ में भी होंगे।
उन्होंने बताया कि इस साल हमारा नारा एक रंग श्रेष्ठ रंग का है। इस पर पत्रकारों ने जानना चाहा कि क्या यह एक देश एक चुनाव की तरह एक संस्कृति को ही भारत की संस्कृति के रूप में पेश करने की योजना तो नहीं, इस पर त्रिपाठी ने सफाई दी कि यहाँ एक रंग एक संस्कृति से नहीं बल्कि भरत मुनि के नाट्यशास्त्र के अनुसार नाटकों के विभिन्न रूप और रंग होने के बावजूद वह एक नाटक होता, उसी तरह इसे एक रंग श्रेष्ठ रंग के रूप में पेश किया जा रहा है। उसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं।
उन्होंने बताया कि पिछले साल हमने जनरंग के तहत देश भर में एक साथ 1585 लघु नाटक खेले गए और उसे ऑनलाइन एक प्लेटफॉर्म पर पेश किया गया जो की एक विश्व रिकार्ड था। उसी तरह इस साल भरतमुनि के नाट्य शास्त्र पर 5 या दस मिनट की लघु नाटिका एक साथ देश भर में खेली जाएगी ।
उन्होंने बताया कि इस साल श्रुति कार्यक्रम के तहत इब्राहम अल्काजी मोहन राकेश धर्मवीर भारती और हरिशंकर परसाई की जन्म शती के मौके पर आयोजन होंगे। इस वर्ष विश्व जन रंग नामक एक नई पहल शुरू की जा रही हैजिसमें दुनिया भर के सात महाद्वीपों में रहनेवाले भारतीयों की लघुनाटकों का ऑनलाइन प्रदर्शन होगा।

रूस, इटली, जर्मनी, ताईवान, नेपाल, श्रीलंका, चेक गणराज्य, नार्वे और स्पेन की नाट्यमण्डलियाँ भी इसमें हिस्सा लेंगी।
भारंगम में 21 भाषाओं के नाटक होंगे। भोजपुरी को पहली बार शामिल किया गया है। रंग हाट और फूड बाजार भी होगा।

Posted Date:

January 22, 2025

7:05 pm Tags: , ,

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